मंत्री ए0के0 शर्मा का विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब, ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली देने का किया जा रहा प्रयास निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप सभी क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति की जा रही

उत्तर प्रदेश
सफल समाचार
मनमोहन राय
पूरे प्रदेश में बिजली दी जा रही, इसलिए बिल मांग रहे
कृषि फीडरों के अनुरक्षण कार्यों को प्राथमिकता से कराने के निर्देश
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि पम्पों का किया जा रहा सोलराइजेशन
सूखे से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा पूरा प्रयास-श्री ए0के0 शर्मा
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री  ए0के0 शर्मा ने आज विधान सभा में सूखे एवं बाढ़ की स्थिति पर चर्चा के दौरान सदन में विपक्ष द्वारा लगाये गये आरोपों का करारा जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश की योगी सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है। किसान, गांव व खेतों के लिए आक्रामक ढंग से कार्य किया जा रहा है। फसलों की सिंचाई में व्यवधान न आये, इसके लिए 11 के0वी0 के कृषि फीडरों से दिन में 10 घंटे (सुबह 07ः00 बजे से शाम 05ः00 बजे तक) विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। आज यूपीपीसीएल ने यह भी निर्णय लिया है कि स्थानीय कारणों व फाल्ट से किसानों के लिए निर्धारित 10 घंटे की विद्युत आपूर्ति में बाधा आती है तो उसकी पूर्ति निर्धारित रोस्टर के पश्चात हर-हाल में की जायेगी।

ऊर्जा मंत्री  ए0के0 शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे विद्युत आपूर्ति न होेने के आरोपों पर यह भी कहा कि वैसे तो सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निर्धारित 18 घंटे की विद्युत आपूर्ति को देने का पूरा प्रयास कर रही है। फिर भी भीषण गर्मी, आंधी, तूफान या अन्य स्थानीय व्यवधानों व फाल्टों के कारण 18 घंटे के रोस्टर के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों को विद्युत आपूर्ति न होने पर 17 जून, 2023 को यूपीपीसीएल ने इस सम्बंध में एक आदेश जारी किया है कि विद्युत आपूर्ति की उस कमी को शिड्यूल के बाद पूरा किया जाय। उन्होंने खासतौर से आजमगढ़, गाजीपुर के विपक्ष के विधायकों द्वारा विद्युत आपूर्ति में गड़बड़ी एवं ट्रांसफार्मर बदलने में देरी के आरोपों पर कहा कि वर्ष 2012 से 2017 तक प्रदेश में 13 हजार मेगावाट विद्युत की उच्चतम मांग थी और 2016-17 में पीक डिमांड 16110 मेगावाट रही, जबकि वर्तमान में 25 हजार से 28 हजार मेगावाट डिमांड चल रही है। इस वर्ष की अधिकतम मांग 28284 मेगावाट रही। अभी 09 अगस्त को 16494 मेगावाट प्रदेश की सबसे कम डिमांड थी। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में पूरे देश में 15.11 लाख मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई, जिसमें महाराष्ट्र की 12 प्रतिशत सर्वाधिक खपत रही, इसके बाद उत्तर प्रदेश की 9.5 प्रतिशत खपत रही। वर्ष 2022-23 में महाराष्ट्र की पीक डिमांड 28846 मेगावाट थी और उत्तर प्रदेश की पीक डिमांड 28284 मेगावाट रही। जो साबित कर रहा है कि हम देश में सर्वाधिक विद्युत उपभोगकर्ता बनने जा रहे हैं।

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