आधी रात को सिगरेट पीने की जिद ने दो दोस्तों को मौत की नींद सुला दिया नहर में गिरी कार; चाहकर भी मदद नहीं कर सके लोग

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

भीम सिंह अपने दो भाइयों और दो बहनों में छोटे हैं। भीम के पिता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि शाम को फोन किए तो बताया कि परतावल में हूं, कपड़ा खरीद रहा हूं। देर हुई तो फिर फोन पिता ने किया तो भीम ने कप्तानगंज में होने की बात बताई। इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।

आधी रात को सिगरेट पीने की जिद ने दो दोस्तों को मौत की नींद सुला दिया, जबकि एक गंडक नहर में डूब गया। उनका पता नहीं चल सका। आधी रात को हुई दुर्घटना की दास्तां सुनने वालों की आंखें भर जा रही हैं। सुबोध मणि के शोर पर आसपास के गांव वाले पहुंच तो गए लेकिन गंडक में अधिक पानी होने के कारण चाह कर भी मदद नहीं कर सके। इसका मलाल मौके पर जुटे गांव वालों के चेहरों पर साफ झलक रहा था।

भीम सिंह की बहन को प्रसव हुआ है। वह गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। बृहस्पतिवार को परिवार के सभी लोग उन्हें अस्पताल मेंं देखने गए थे। लेकिन भीम सिंह अपने दोस्त सपहा निवासी पूर्व प्रधान राजन के साथ कार से गए थे। गोरखपुर से शाम को सभी लोग घर के लिए निकले। परिवार के लोग देर शाम को घर पहुंच गए, लेकिन भीम राजन को उनके घर छोड़ने चले गए।

सुबोध मणि के घर पर गांव के गुड़डू यादव और बभनौली गांव निवासी मनोज यादव मौजूद थे। मनोज यादव ससुराल महराजगंज जिले के घुघली गांव में गए थे। वहां से भोजन करने के बाद तीनों दोस्त बाइक से लौटे और सुबोध मणि को घर छोड़ने के लिए गए थे, अब जाने की तैयारी में थे कि अचानक भीम कार लेकर सुबोध के घर पहुंच गए। आपस में हंसी-मजाक करने के बाद भीम दोस्तों को कार से लेकर सिगरेट पीने के लिए बभनौली चौराहे पर ले गए।

उस समय बभनौली चौराहे की सभी दुकानें बंद थीं। बाकी दोस्त कार से उतर गए और भीम से अधिक रात होने की बात कह घर जाने के लिए कहा, लेकिन भीम ने किसी की बात नहीं सुनी और सिंगहा चौराहे पर सिगरेट पीने के लिए चलने की जिद करने लगे। उनकी जिद पर चारों दोस्त कार से सिंगहा के लिए चल दिए।

वे आधी रात को अभी दामोदरी पुल के पास पहुंचे ही थे कि अचानक कार गंडक नहर में चली गई। भीम कार चला रहे थे, सुबोध मणि आगे बैठे थे। मनोज और गुड्डू पीछे की सीट पर थे।
गुड्डूू और मनोज की मौत से मची चीख-पुकार

मनोज और गुड्डू दिव्यांग थे। मनोज बभनौली चौराहे पर सिलाई कर परिवार पालते थे। ससुराल में आयोजित कार्यक्रम में दोस्त गुड्डू और सुबोध मणि के साथ शामिल हुए। आते समय मनोज की पत्नी सीमा बोली कि आराम से जाइएगा और घर पहुंचकर फोन करिएगा। ससुराल से घर तक तो सुरक्षित पहुंच गए। लेकिन भीम की जिद ने दुनिया से अलविदा कर दिया। इनकी पत्नी सीमा और तीन साल का बेटा प्रतीक, चार साल की बेटी राजनंदनी का रो-रो कर बुरा हाल है। यह परिवार के इकलौता कमाऊ सदस्य थे।

गुड्डू यादव भी एक पैर से दिव्यांग थे। इनकी नौ वर्ष की बेटी अंकिता, तीन वर्ष की बेटी लाडली और छह वर्ष का बेटा जय है। इस घटना के बाद पिता का साया बच्चों के सिर से उठ गया। पत्नी नीरा देवी बदहवास हो गई हैं।

घरवालों को सुबह में हुई घटना की जानकारी

भीम सिंह अपने दो भाइयों और दो बहनों में छोटे हैं। भीम के पिता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि शाम को फोन किए तो बताया कि परतावल में हूं, कपड़ा खरीद रहा हूं। देर हुई तो फिर फोन पिता ने किया तो भीम ने कप्तानगंज में होने की बात बताई। इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। घटना की जानकारी घर वालों को सुबह में हुई। अस्पताल में भर्ती बड़ी बहन आंचल बड़े भाई अंकुर और एक तीसरे नंबर की बहन है। गंडक नहर में लापता भीम के परिवार के सदस्य रो रहे थे।

काश! बात मान गया होता भीम

बाइक से देर रात घर पहुंचने के बाद शरीर थक गया था। मकान में अंदर दाखिल हो रहा था, उसी दौरान भीम पहुंचे और सिगरेट पीने की जिद करने लगे। उन्हें दरवाजे पर काफी समझाया गया, लेकिन वह नहीं माने और ऐसा हादसा हुआ कि हंसता खेलता दोनों दोस्तों का परिवार बिखर गया। ये बातें कहते हुए मौत के मुंह से निकले सुबोध मणि फफक पड़े।

उन्होंने बताया कि भीम काफी जिद्दी था। जो कहता था उसे पूरा कर के ही मानता था। सिंगहा चौराहा से जाते वक्त कई बार गड़ी धीरे चलाने के लिए कहा, लेकिन उसने नहीं सुना। मनोज, गुड्डू का थोड़ा भी मन रात को जाने का नहीं था। बभनौली चौराहे पर कार से नीचे भी उतर गए। लेकिन वह माना नहीं सबको ले डूबा। कार नहर में गिरी, तो मैं आगे वाली सीट पर बैठा था। शीशा तोड़कर कैसे बाहर निकला मुझे कुछ भी याद नहीं है।

शोर मचाने के बाद लोग आए। दोस्तों को बचाने के लिए विनती भी की। लेकिन पानी अधिक होने के कारण कोई नहर में नहीं उतरा। अगर उस समय कार से निकाल लिया गया होता तो शायद दोस्तों की जान बच गई होती। इस घटना से सुबोध सदमे में हैं।

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