सफल समाचार
शेर मोहम्मद
देवरिया। जनपद में नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। सरयू नदी बरहज में खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर तो भागलपुर में 59 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। जबकि राप्ती और गाेर्रा नदी भी तेजी से खतरे के निशान की तरफ बढ़ रही हैं। नदियों के बढ़ रहे जलस्तर को देख तटवर्ती करीब 130 गांवों के लोगों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है। बरहज क्षेत्र का भदिला प्रथम गांव चारों तरफ से पानी से घिर जाने से टापू बन गया है। जबकि दियारा क्षेत्र के छह गांवों की ओर पानी बढ़ रहा है।
दस घंटे में सरयू के जलस्तर में 10 सेमी की बढ़त
बरहज। सरयू नदी का जलस्तर पिछले तीन दिनों से लगातार बढ़ रहा है है। शुक्रवार को नदी दस घंटे में 10 सेमी बढ़ी है। जो खतरे के निशान 66.50 से 90 सेमी ऊपर 67.40 मीटर पर बह रही है। लोग जान जोखिम में डाल नाव से सफर करने पर मजबूर हैं। वहीं बाढ़ जैसी विभीषिका को लेकर लोग दहशत में हैं। नेपाल में हुई झमाझम बारिश से सरयू और राप्ती नदी उफान पर हैं। नदी का पानी बंधे पर लगे साइफन से होकर खेतों के रास्ते कपरवार के मठियां टोला स्थित आम के बगीचे के करीब तक पहुंच गया है। वहीं परसिया-विशुनपुर देवार के कुछ टोलों की ओर का रुख कर लिया है। दूसरी ओर राप्ती के उफनाने से भदिला प्रथम गांव टापू बन गया है। जलस्तर में निरंतर बढ़त दर्ज की जा रही है। तीन दिन पूर्व नदी 66.15 मीटर पर बह रही थी। जो इस समय 67.40 मीटर पर प्रवाहित हो रही है। बाढ़ खंड विभाग जलस्तर में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर तक बढ़त की आशंका जता रहा है। कपरवार-कटइलवा, परसियां-विशुनपुर देवार के सिंचाई विभाग के पुराने तटबंध पर नदी दबाव बना रही है। नदी के उफान पर होने से सरयू नदी पार परसियां-विशुनपुर देवार और भदिला प्रथम गांव के लोगों की आवाजाही नाव से हो रही है, जो काफी जोखिम भरा है। जल्दी के चक्कर में नाव ओवरलोड भी हो जा रही है, जो खतरे से खाली नहीं है।
शुक्रवार को 10 घंटे में नदी के जलस्तर में 10 सेमी की बढ़त दर्ज की गई है। फिलहाल तटबंधों की मॉनीटरिंग की जा रही है। खतरे की कोई बात नहीं है। -अशोक द्विवेदी, सहायक अभियंता, बाढ़ खंड विभाग, देवरिया
हर घंटे करीब एक सेंटीमीटर बढ़ी नदी
सलेमपुर। भागलपुर में तीन दिन से लगातार बढ़ रही सरयू नदी का पानी अब रिहायशी इलाकों में घुसने लगा है। इससे तटवर्ती इलाकों के लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नदी के जलस्तर में पिछले 24 घंटों में 23 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इससे नदी का जलस्तर शुक्रवार दोपहर खतरे के निशान से 59 सेमी ऊपर पहुंच गया। बारिश के चलते ताल, पोखरों, गड्ढों में पानी भर जाने के कारण नदी का पानी अब तेजी से फैलने लगा है और गांवों की ओर बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग तुर्तीपार के अनुसार शुक्रवार दोपहर नदी का जलस्तर 64 मीटर 89 सेमी दर्ज किया गया। जबकि बृहस्पतिवार दोपहर नदी का जलस्तर 64 मीटर 66 सेमी था। सुबह से नदी के जलस्तर में और तेजी आ गई और नदी एक सेमी से ऊपर की रफ्तार से बढ़ने लगी। नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्र के लोगों की सांसें अटक गईं हैं। लोगों का कहना है कि सूखा से हम लोग पहले से ही परेशान थे। अब नदी का पानी आने से बची फसल भी बर्बाद हो जाएगी। बरहज के तहसीलदार अश्वनी कुमार ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए तहसील प्रशासन सतर्क है। केंद्रीय जल आयोग तुर्तीपार के जेई प्रकाश ओझा ने बताया कि पहाड़ों और मैदानी इलाकों में बारिश और नेपाल के पानी छोड़ने की वजह से नदी के जलस्तर में अगले 24 घंटे वृद्धि का अनुमान है। कर्मियों को निगरानी रखने को कहा गया है।
लाल निशान की तरफ तेजी से बढ़ रही गोर्रा और राप्ती
एकौना। पहाड़ी इलाकों में बारिश से उफनाई गोर्रा और राप्ती नदी तेजी से लाल निशान की तरफ बढ़ रही है। शुक्रवार को गोर्रा नदी खतरे के निशान 70.50 से नीचे 69 मीटर और राप्ती 68.60 मीटर पर बह रही थी। नदियों का जर्जर बंधों पर दबाव देख तटवर्ती गांव के लोग सहमे हैं। नदियों के जलस्तर के वेग और बारिश को देखते हुए सिंचाई विभाग ने बंधों पर निगरानी बढ़ा दी। पचलड़ी से ईश्वरपुरा बांध पर कई जगहों पर गोर्रा नदी बंधे पर सीधे ठोकर मार रही है। ईश्वरपुरा गांव के पास बोल्डर पिचिंग से नदी सट कर रही बह रही है। लाल निशान पर पहुंचने पर नदी बंधे के ऊपर से बहने लगेगी। पिड़रा-भुसवल बांध पर पिड़री गांव के पास गोर्रा नदी के रौद्र रूप को बढ़ता देख ग्रामीणों की चिंता बढ़ती जा रही है। यहां बचाव को लगे बोल्डर साल दर साल नदी में गिरते जा रहे हैं। नदी गांव पर सीधे ठोकर मार रही है। तिघरा-मराछी बांध पर पुराने बांध को काट कर राप्ती नदी नए बांध के करीब पहुंच गई। हड़हा और नीबा के पास संवेदनशील स्थान पर कटान तेज होने पर विभाग बंधों की मरम्मत कराने में जुटा है। पिछले साल बोल्डर पिचिंग ढहने के बाद भेड़ी गांव के पास कटान स्थल पर निरोधात्मक कार्य नहीं होने से खतरा बना है। ग्रामीणों ने कहा कि जर्जर बंधे नदी के वेग को रोकने में नाकाफी है। चूहों की मांद से बांध क्षतिग्रस्त हो चुका है। जलस्तर बढ़ने पर चूहों की मांद से होकर पानी गांव में घुस जाएगा। बीते साल नीबा गांव के करीब बंधे में रिसाव होने से बाढ़ की आशंका बढ़ गई थी। गांव वालों ने बंधों को दुरुस्त कराने की मांग की। एसडीएम विपिन द्विवेदी ने कहा कि सिंचाई विभाग काे बंधों पर लगातार निगरानी करने रहने का निर्देश दिया गया है। दोनों नदियां लाल निशान के नीचे बह रही हैं।