मुख्यमंत्री के निर्देश से सभी को अवगत कराया गया गगहा सीएचसी में लटका था ताला, अन्य जगह मौजूद थे डॉक्टर

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

सीएमओ डॉ. आशुतोष दूबे ने कहा कि सभी डॉक्टरों को अपने तैनाती वाले स्थल पर रात्रि विश्राम का आदेश है। मुख्यमंत्री के निर्देश से सभी को अवगत कराया गया है। जहां कहीं डॉक्टर या अन्य कर्मचारी रात्रि विश्राम नहीं करते, उनके बारे में कार्रवाई होगी।

ग्रामीण क्षेत्र के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों के रात्रि विश्राम से संबंधित मुख्यमंत्री के सख्त आदेश का कुछ असर दिखना शुरू हो गया है। बुधवार की शाम 7 बजे गगहा को छोड़कर अन्य सभी सीएचसी पर इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर मौजूद रहे। इमरजेंसी में इलाज मिलने से ग्रामीण क्षेत्र को लोगों को रात में आसानी होगी।

गगहा में तैनात हैं तीन डॉक्टर
गगहा क्षेत्र की लगभग दो लाख की आबादी इलाज के लिए गगहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है। यहां वर्तमान में प्रभारी चिकित्साधिकारी बृजेश बरनवाल समेत तीन डॉक्टर तैनात हैं, जिसमें से एक पीडियाट्रिशियन हैं। लेकिन शाम सात बजे मौके पर कोई भी मौजूद नहीं मिला। 30 बेड की इस सीएचसी में किसी का पता नहीं था। सीएचसी का गेट तो खुला था, लेकिन अंदर अंधेरा पसरा हुआ था।

चौरीचौरा, गोला और जंगल कौड़िया में मौजूद थे डॉक्टर
चौरीचौरा सीएचसी पर डॉ. प्रमोद नायक उपस्थित रहे। सात बजे तीन मरीज मौजूद थे। बुखार, पेट दर्द व अन्य सामान्य बीमारियों के इन मरीजों का प्राथमिक उपचार किया गया। डॉक्टर ने बताया कि सभी इमरजेंसी मेडिसिन मौजूद हैं।

गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी शाम सात बजे खुला हुआ था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नेवाइजपार पर तैनात चिकित्साधिकारी रजनीश राहुल, वार्ड ब्वाय ओमप्रकाश व फार्मासिस्ट विजय श्रीवास्तव तैनात मिले। अधीक्षक आवास पर थे। 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जंगल कौड़िया में शाम 7 बजे जनरल वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में कोई मरीज भर्ती नहीं था। इमरजेंसी वार्ड में डॉ. मनीष चौरसिया उपस्थित मिले। अस्पताल के पीकू वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स प्रीति तिवारी ने बताया रिया (14), करिश्मा (8), आलिया (5) भर्ती हैं। इनकी स्थिति सामान्य है।

महिला डॉक्टर थीं इमरजेंसी वार्ड में
सीएचसी पिपरौली में डॉ. नीतू तिवारी ड्यूटी पर मौजूद थीं। प्रभारी चिकित्साधिकारी शिवानंद मिश्र समेत तीन डॉक्टरों की तैनाती है, जिसमें से डॉ अंजूलता यादव अवकाश पर हैं। शाम सात बजे अस्पताल में कोई मरीज मौजूद नहीं था। डॉ. नीतू ने बताया कि जीवनरक्षक दवाओं के अलावा एंटी रैबिज व एंटी स्नैक्स बॉयल मौजूद हैं।

प्रभारी चिकित्साधिकारी थे इमरजेंसी ड्यूटी में
कैंपियरगंज सीएचसी में सात बजे एक वार्ड बॉय रामकलेश मौजूद थे। 7.15 पर डाॅ. वीके वर्मा और चीफ फार्मासिस्ट शैलेंद्र पाठक 7.28 बजे अस्पताल में आए। 7.25 पर बिंदा नामक युवती को लेकर परिजन पहुंचे। इसे बिच्छू ने डंक मार दिया था, जिसका डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार किया। इस अस्पताल में डाॅ. प्रभात मद्धेशिया, डाॅ. ओपी वर्मा और डाॅ. उमर चंद सोनकर की भी तैनाती है, लेकिन डाॅ. ओपी वर्मा अवकाश पर हैं। डाॅ. उमर चंद सोनकर पीपीगंज सीएचसी से अटैच हैं।

 

बांसगांव में आरबीएसके के डॉक्टर की थी इमरजेंसी ड्यूटी

बांसगांव सीएचसी पर शाम सात आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के डाॅ. जेपी वर्मा और फार्मासिस्ट सत्यप्रकाश मिश्रा इमरजेंसी ड्यूटी में मौजूद थे। इस दौरान नगर पंचायत बांसगांव के वार्ड नं 4 निवासी विवेकानंद तिवारी अपनी मां काे इलाज के लिए लेकर आए। वह पेट दर्द से पीड़ित थीं। उनका इलाज किया गया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कृष्ण मोहन अग्रवाल ने बताया कि यहां चार डॉक्टरों की तैनाती है।

ठर्रापार में भी मौजूद थे डॉक्टर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाली ठर्रापार की इमरजेंसी में डॉ. राजन यादव मौजूद थे। इस दौरान दिनेश यादव निवासी रामडीह तोरनी बुखार व दर्द का इलाज कराने पहुंचे थे। डाॅ. राजन ने बताया कि इमरजेंसी में पांच स्टाॅफ की ड्यूटी है।

सीएमओ डॉ. आशुतोष दूबे ने कहा कि सभी डॉक्टरों को अपने तैनाती वाले स्थल पर रात्रि विश्राम का आदेश है। मुख्यमंत्री के निर्देश से सभी को अवगत कराया गया है। जहां कहीं डॉक्टर या अन्य कर्मचारी रात्रि विश्राम नहीं करते, उनके बारे में कार्रवाई होगी।

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