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विश्वजीत राय
लापरवाह कर्मचारियों से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण, मिल रही थी शिकायत
पडरौना। पशु पालन विभाग के डॉक्टर और कर्मचारी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के निरीक्षण में तमकुहीराज पशु अस्पताल पर कर्मचारी नदारद मिले। इसके अलावा इमरजेंसी वैन की भी करमैनी गांव में पहुंचकर जांच की। कमियों में सुधार लाने की हिदायत दी। इसके अलावा लंपी बीमारी से प्रभावित गांवों में पहुंचकर पशुओं के चल रहे इलाज से जुड़ी जानकारी ली।
पशु अस्पतालों पर समय से डॉक्टर और कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं। बीमार पशुओं को लेकर पहुंच रहे पशुपालकों को इलाज में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बृहस्पतिवार को मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवींद्र प्रसाद तमकुहीराज पशु अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर मौजूद मिले, जबकि फार्मासिस्ट और परिचारक गायब थे। चार पशु पालक बीमार पशुओं को इलाज के लिए लेकर पहुंचे थे। लेकिन फार्मासिस्ट के नहीं होने से इलाज के इंतजार में बैठे मिले।
करमैनी गांव में इमरजेंसी वैन 1962 इलाज के लिए पहुंची थी। वहां पहुंचकर इसकी जांच की। दवाइयां उपलब्ध रहीं, लेकिन आधे-अधूरे अभिलेख मिलने पर डॉक्टर पर नाराजगी जाहिर की। इसके बाद मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पडरौना ब्लॉक के कठकुइयां गांव के पशु पालक हरिओम पांडेय, विशुनपुरा के चिरगोड़ा गांव पहुंचे। लंपी बीमार की चपेट में आए पशुओं को देखा और किसानों को सुझाव दिया।
पडरौना पशु अस्पताल पर भी डॉक्टर और कर्मचारी ड्यूटी से नदारद थे। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रवींद्र प्रसाद ने बताया कि औचक निरीक्षण में कई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं मिले। बाकी कई कमियां मिली हैं। कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। गांवों में पशुओं में फैली लंपी बीमारी को लेकर पशु पालकों को जागरूक किया गया।