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शेर मोहम्मद
देवरिया। जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक शनिवार की देर रात तक ली। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में जो इलाज हो सकता है, लेकिन रेफर करने का खेल किया जा रहा है। इसकी गोपनीय जांच कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। डीएम ने खराब प्रदर्शन करने वाले 32 आशा और लार के बीसीपीएम की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया। इनकी जगह पर नई तैनाती शीघ्र करने को कहा। बता दें कि जिलाधिकारी ने ये कार्रवाई अमर उजाला में सिलसिलेवार तरीके से प्रकाशित मरीजों की खरीद-फरोख्त को उजागर करने वाली खबरें का संज्ञान लेते हुए की है।
सीएमओ कार्यालय के धन्वंतरि सभागार में जिलाधिकारी ने करीब चार घंटे तक बैठक ली। उन्होंने जन सुविधाओं को लेकर कड़ा रुख भी दिखाया। कहा कि जो काम नहीं करने वाले हैं उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। हर हाल में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का फायदा सभी को मिलना चाहिए। किसी भी हाल में खानापूर्ति करते हुए मरीज को रेफर न किया जाए। मेडिकल कॉलेज के इर्द-गिर्द निजी एंबुलेंस नहीं लगने चाहिए। अगर ऐसा औचक निरीक्षण में पाया गया तो जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह गंभीर बात है कि पात्रता सूची में शामिल महज 46 प्रतिशत लोगों का ही आयुष्मान कार्ड बना है। इसके लिए सभी सीएचसी पर कियास्क की स्थापना की जाएगी, जहां आयुष्मान मित्र तैनात रहेंगे, जो कार्डधारकों को लाभ लेने के लिए प्रेरित करेंगे। आयुष्मान कार्ड बनाने में लापरवाही पर लार के बीसीपीएम की सेवा समाप्त करने का निर्देश दिया।
एक अप्रैल से 20 जुलाई के मध्य जन्में 9213 बच्चों में से 2732 का ही जन्म प्रमाण पत्र बना है। इस पर डीएम ने नाराजगी जताई। डीएम ने कहा कि शेष बच्चों का 26 अगस्त तक प्रमाण पत्र बना दिए जाएं। ऐसा न होने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने एमओआईसी का जैम पोर्टल पर 23 अगस्त तक पंजीकरण कराने का निर्देश दिया।
इस दौरान सीडीओ रवींद्र कुमार, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश बरनवाल, सीएमएस डॉ. एचके मिश्रा, एसीएमओ डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. संजय चंद, डॉ. एसके चौधरी, डॉ. संजय गुप्ता, डीपीएम पूनम, डीसीपीएम डॉ. राजेश गुप्ता सहित सभी एमओआईसी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।