करीब दस वर्ष पहले बलोचहां गांव की तरफ और मुख्य पश्चिमी गंडक नहर के किनारे जमीन लेने से कतराते कौड़ियों के मोल थी जमीन, अब उगल रही सोना

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

पडरौना। शहर में मंडी समिति, जिला कारागार, मेडिकल कॉलेज, कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण, पडरौना में नए बाईपास सड़क के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण और तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में बहुद्देशीय हब निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इन क्षेत्रों में जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं, लेकिन 15 साल पहले तक वहां की गड्ढों वाली जमीन को कोई पूछता नहीं था, लेकिन अब यहां की जमीनें मुंहमांगी दर पर बिक रही हैं। शहर के आसपास जिन जमीनों पर वर्ष भर बारिश का पानी भरा रहता था, वे अब सोना उगल रही हैं।

हालत यह है कि जिला मुख्यालय के एक किलोमीटर की परिधि में रुपये देने पर भी जमीन मिलनी मुश्किल हो गई है। नगर पालिका के विस्तारित क्षेत्र के हरका के पास मेडिकल कॉलेज अभी बनकर तैयार हुआ नहीं है, लेकिन इसके आसपास की जमीन के भाव आसमान छूने लगे हैं। करीब 10 वर्ष पहले इसके किनारे खेती योग्य जमीनों को लोग खरीदने के लिए तैयार नहीं होते थे और अब उन किसानों को मुंहमांगे रुपये मिल रहे हैं।

इसी तरह पडरौना शहर में मुख्य पश्चिमी गंडक नहर की पटरी के किनारे 20 फीट से अधिक गहरा गड्ढा होने के कारण वर्ष भर बारिश के पानी में डूबी रहने वाली जमीनों को कोई कौड़ियों के भाव में खरीदने को तैयार नहीं था। करीब एक वर्ष पहले नहर की एक तरफ पटरी टूलेन हो गई है। अब वह गड्ढेनुमा जमीन भी सोना उगल रही है। इसके आसपास प्राइवेट अस्पताल, सिटी माल, कोचिंग संस्थान और होटल बनने के अलावा कई आलीशान भवन बन रहे हैं।
जानकार बताते हैं कि करीब दो से तीन साल बाद जब मेडिकल कॉलेज और नहर की पटरी पर अधूरी टूलेन और सड़क का काम पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, तब यहां पैर रखने को जगह नहीं होगी। अभी से ही यहां की मिट्टी सोना उगलने लगी है।

15 वर्ष पहले जिला मुख्यालय जाने वाली मुख्य सड़क स्थित तहसील के आगे सड़क के दोनों तरफ हमेशा जलभराव रहता था। स्थानीय लोग उसमें सिंघाड़े की खेती या मछली पालन करते थे। लेकिन अब वहां राजकीय आईटीआई, प्राइवेट अस्पताल, होटल और बाइक ट्रैक्टर आदि के शोरूम खुल गए हैं।
विकास की इस बयार में यहां की तस्वीर अब पूरी तरह बदल गई है। यहां गड्ढों को अब खरीदार मुंहमांगे दामों में खरीदकर उन्हें सड़क तक पाटकर घर और शोरूम बना रहे हैं। अगर मकान पहले के हैं तो उस पर दूसरी व तीसरी मंजिल बनाकर शानदार भवन बनाकर रहने लगे हैं। इसके दोनों तरफ माॅर्ट और कांप्लेक्स तेजी से खुलते जा रहे हैं।

बलोचहां निवासी अजय रौनियार, दिलीप कुमार, दीपक शर्मा बताते हैं कि अभी तक टूलेन का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। पहले यहां बसे लोग जमीन बेचकर दूसरे स्थान पर घर बनाने की सोचते थे, लेकिन सड़क की तरफ की जमीन वाले भूस्वामी राजा हो गए हैं।
यशपाल शुक्ला, महेश पांडेय, सुनील मोदनवाल ने बताया कि वर्ष 2000 के आसपास नहर की पटरी के किनारे लोग इसलिए जमीन नहीं खरीदते थे कि यदि कभी नहर टूट गई तो क्या होगा। यहां जिनकी जमीन थी, वे उसे कौड़ियों के भाव बेचकर दूसरे स्थान पर घर बना लिए।
इसी तरह मुन्ना कॉलोनी गंडक नदी के पास होने से यहां की अधिकांश जमीन पर वर्ष भर पानी भरा रहता था। इससे लोग जमीन बेचकर जाने के लिए सोचने लगे थे। वे लोग पछतावा भी कर रहे थे कि यहां पर आकर घर बना लिए। तब किसी को अंदाजा नहीं था यहां नेपाल और बिहार को जोड़ने वाली टूलेन भी बनेगी। अब देखिए, सड़क के दोनों तरफ की जमीनों की कीमत 15-16 हजार रुपये वर्ग फुट हो गई है।

नगर के छावनी के कौशल शुक्ल ने बताया कि 1997 के पहले सदर तहसील मुख्यालय के आगे जिला मुख्यालय की तरफ एक भी घर नहीं था। पूरा इलाका खाली था। शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जाता था। जिस जमीन को कोई पूछ नहीं रहा था, उसकी कीमत आज आसमान पर है।

जिला मुख्यालय और सब्जी मंडी की वजह से यहां पर मेन रोड से हटकर बंदीछापर और बलोचहां तक जमीन सात से आठ हजार रुपये प्रति वर्ग फीट बिक रही है। जिला मुख्यालय स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप और सायरी माई मंदिर के पास तो जमीन बेचने वाले बड़े व्यवसायी 16 से 18 हजार रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से बेच रहे हैं।

हरका के निकट स्थित कृषि फार्म के पास मुख्य सड़क के किनारे जमीन 30 से 50 लाख रुपये कट्ठा बिक रही है। हरका निवासी विशाल राव, सचिन मिश्र, संतोष मिश्र, देवेंद्र पांडेय, सुधीर श्रीवास्तव, गौरव शुक्ल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद पडरौना-कुबेरस्थान मुख्य सड़क के दोनों तरफ जमीन का दाम चार गुना बढ़ गया है। ताकि मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इन सड़कों के किनारे दुकानें खोली जा सकें, जिससे आय का जरिया बढ़ जाएगा।

इन लोगों का मानना है कि मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा होने पर पूरे इलाके में जमीन का भाव बढ़ जाएगा। शहर से इतर एक अलग क्षेत्र विकसित हो जाएगा। इसी तरह जिला मुख्यालय स्थित सरस्वती चौक से बाईपास रोड प्रस्तावित है। इसका अभी तक निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हुआ है। जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। करीब दस वर्ष पहले दो लाख रुपये कट्ठा पर यहां जमीन कोई पूछता तक नहीं था, अब मुख्य सड़क के किनारे 30 लाख रुपये देने पर भी जमीन नहीं मिल रही है।

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