घाटे में चल रही बड़ौदा यूपी बैंक की सेमी अर्बन व ग्रामीण इलाकों की 268 शाखाएं बंद हो सकती हैं

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

चेयरमैन बड़ौदा यूपी बैंक सचिव प्रेम कुमार सिंह ने कहा कि व्यवसाय को लेकर एक अध्ययन कराया जा रहा है। आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक ही निर्णय ले सकते हैं। बैंक के लिए ग्राहकों का हित सर्वोपरि है। शाखाओं की लाभ-हानि के अध्ययन की रिपोर्ट शाखा प्रबंधकों से मांगी गई है।

घाटे में चल रही बड़ौदा यूपी बैंक की सेमी अर्बन व ग्रामीण इलाकों की 268 शाखाएं बंद हो सकती हैं। इन्हें पास की शाखाओं में विलय करने की तैयारी है। इसे लेकर जनरल मैनेजर ने सभी शाखाओं के प्रबंधकों से बिजनेस अध्ययन रिपोर्ट मांगी है। इस पत्र के जारी होते ही बैंक के संगठनों में उबाल है।

बड़ौदा यूपी बैंक ने बैंकों की ताजा व्यावसायिक स्थिति जानने के लिए मल्टी नेशनल फर्म बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप को अधिकृत किया है। इस कंपनी की अनुशंसा पर बड़ौदा यूपी ग्रामीण बैंक प्रबंधन ने सभी 29 रीजन की 268 शाखाओं में डाटा संग्रह करने का निर्णय लिया। इस संदर्भ में 23 अगस्त 2023 को सभी शाखा प्रबंधकों को पत्र जारी किया गया और साथ में एक प्रारूप में भी भेजा गया। इसमें इन सभी शाखाओं के आय-व्यय का लेखा-जेखा मांगा गया है।

इस पत्र में साफ तौर पर लिखा गया है कि विलय के लिए एजेंसी की ओर से नामित बैंकों की सूची दी जा रही है। इस सूची में सबसे ज्यादा पडरौना की 32 और खलीलाबाद की 28 शाखाओं का जिक्र है। जबकि, गोरखपुर की 19 शाखाएं शामिल हैं। इसे लेकर नेशनल फेडरेशन ऑफ आरआरबी इंप्लायर्स एवं उप्र स्टेट ग्रामीण बैंक एंप्लाइज एवं ऑफिसर्स फेडरेशन के पदाधिकारियों ने विरोध जताया है। उन्होंने फैसले को वापस लेने की मांग की है।

चेयरमैन बड़ौदा यूपी बैंक सचिव प्रेम कुमार सिंह ने कहा कि व्यवसाय को लेकर एक अध्ययन कराया जा रहा है। आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक ही निर्णय ले सकते हैं। बैंक के लिए ग्राहकों का हित सर्वोपरि है। शाखाओं की लाभ-हानि के अध्ययन की रिपोर्ट शाखा प्रबंधकों से मांगी गई है। इसका मतलब यह नहीं है कि बैंक को बंद करने या विलय करने की प्रक्रिया है। अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा।

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