सफल समाचार
सुनीता राय
लोको पायलट दिनेश ने अपने बयान में बताया है कि एडीवी स्टार्टर से पहले कांटे की गलत सेटिंग पर उनकी नजर पड़ी तो इमरजेंसी ब्रेक लगाया। कांटा नई लाइन के लिए सेट था।
गोरखपुर कैंट स्टेशन पर शुक्रवार को बिहार संपर्क क्रांति के गलत ट्रैक पर जाने की घटना की जांच में यह बात सामने आई है कि कांटावाला, रेल ट्रैक के प्वाइंट 202 ए और 202 बी को नार्मल करना भूल गया था। सही सेटिंग नहीं हो पाने के चलते ट्रेन दूसरी ट्रैक पर करीब 52 मीटर आगे चली गई। जब लोको पायलट ने हादसा रोकने के लिए इमरजेंसी ब्रेक लगाई तो उस समय ट्रेन की रफ्तार 23 किलोमीटर प्रति घंटा थी।
गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेलवे स्टेशन पर बन रही तीसरी लाइन और कैंट स्टेशन के विस्तारीकरण कार्य के लिए नॉन इंटरलॉक का काम हो रहा है। बीते शुक्रवार की शाम पांच बजे दिल्ली जा रही बिहार संपर्क क्रांति कैंट स्टेशन का प्लेटफार्म पार करते वक्त गलत ट्रैक पर चली गई थी। लोको पायलट (ड्राइवर) को खतरे का अहसास हुआ तो उसने तत्काल इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। इससे एक बड़ा हादसा बाल-बाल बच गया। बाद में ट्रेन को बैक करके मेन लाइन पर लाने के बाद गोरखपुर जंक्शन के लिए रवाना किया गया।
इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक ट्रेन रुकी रही। इस मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ पर्यवेक्षकों की टीम गठित की गई थी। रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जांच टीम ने सभी कर्मचारियों, गार्ड, लोको पायलट और कांटावाला से पूछताछ की। टीम ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि साउथ लाइन से नई लाइन की तरफ कांटा संख्या 202 ए और 202 बी पर कार्य के लिए टॉवर बैगन लगाया गया था।
कार्य समाप्त होने के बाद कांटावाला रौनक हुसैन ने कांटा संख्या 202 बी को नार्मल नहीं किया। शाम 4.53 बजे बिहार संपर्क क्रांति कैंट स्टेशन पर पहुंची, इससे पहले कांटावाला रौनक और स्टेशन मास्टर महेश के बीच प्राइवेट नंबर का आदान-प्रदान हो गया था, लेकिन प्वाइंट नार्मल नहीं हुआ था।