सफल समाचार
सुनीता राय
सौरभ ने बताया कि एल-1 प्वाइंट से मिलने वाले डेटा का पहले सीनियर वैज्ञानिक चार से पांच मिनट अध्ययन करेंगे। इसके बाद उन्हें डेटा का अध्ययन करने के लिए दिया जाएगा। ज्वाइंट इंट्रेंस साइंस टेस्ट के बाद पूरे देश से 80 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार किया गया, जिसके बाद सौरभ का चयन इस विशेष मिशन के लिए किया गया है।
सूर्य के अध्ययन के लिए भारत के पहले समर्पित वैज्ञानिक मिशन ‘आदित्य एल-1’ में लगे संयंत्र से मिलने वाले डेटा पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सौरभ त्रिपाठी शोध करेंगे। उनका चयन जेस्ट (ज्वाइंट इंट्रेंस साइंस टेस्ट) के बाद शोध के लिए हुआ है। वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बंगलूरू से जुड़कर एकत्र किए गए डेटा से सूर्य के छिपे रहस्य का अध्ययन करेंगे।
गोरखपुर विश्वविद्यालय से वर्ष 2022 में एमएससी फिजिक्स से उत्तीर्ण सौरभ मूलत: खजनी क्षेत्र के सरया तिवारी गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता कमलेश तिवारी शहर के इंद्रानगर मोहल्ले में परिवार के साथ रहते हैं। सौरभ ने 10वीं एवं 12वीं की पढ़ाई महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज से की है।
इसके बाद उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएससी व एमएससी कर देश के प्रतिष्ठित अनुसंधान केंद्र से शोध के लिए जेस्ट (ज्वाइंट इंट्रेंस साइंस टेस्ट) दिया, जिसमें उन्हें ऑल इंडिया 169वीं रैंक मिली। एक अगस्त के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बंगलूरू में सोलर फिजिक्स विषय पर शोध के लिए पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश लिया। वर्तमान में वह स्पेस बेस्ड सोलर आब्जरवेटरी मिशन से जुड़े हैं। इसके तहत आदित्य एल-1 में लगे मुख्य पेलोड (संयंत्र) विजिबल इमिसन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) से मिलने वाले डेटा पर अध्ययन करना है
इसके द्वारा सूर्य में होने वाली विभिन्न गतिविधियों जैसे सोलर एनर्जेटिक पार्टिकल्स, सोलर विन्ड्स, कोरोनल मॉस इजेक्शन, कोरोनल हिटिंग प्राब्लम्स आदि विषयों से संबंधित समस्याओं को दूर करने पर अध्ययन किया जाएगा।