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शेर मोहम्मद
सलेमपुर। मईल थाना क्षेत्र के इसारू गांव के शंकर पांडेय हत्या कांड के मामले में चौथे दिन भी मुख्य हत्यारोपित पुलिस की पकड़ से दूर है। उसकी तलाश में मईल पुलिस ने छह से अधिक स्थानों पर छापा मारा, लेकिन वह पुलिस के हाथ नहीं लग सका। उधर, घटना में दो अन्य के भी शामिल होने की आशंका जताते हुए पुलिस अन्य कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। वहीं, शकर का शव भी बरामद नहीं हो सका है।
मईल थाना क्षेत्र के इसारू गांव निवासी शंकर पांडेय शुक्रवार की शाम भागलपुर एक युवक के बुलाने पर गए थे। वापस नहीं आने पर पत्नी शिवानी पांडेय ने नौ सितंबर को पुलिस तहरीर देकर बताया कि आठ सितंबर की शाम पांच बजे मित्र संजय यादव के बुलाने पर शंकर उसके साथ भागलपुर गए थे। इसके बाद नहीं लौटे। पत्नी ने संजय यादव उर्फ टाटा व शिवम यादव निवासी भागलपुर पर पति की हत्या कर शव नदी में फेंक कर साक्ष्य मिटाने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। मामले में केस दर्ज कर पुलिस आरोपितों की तलाश में जुट गई। इसके बाद पुलिस ने शिवम को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूल की। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया। मामले में फरार चल रहे मुख्य आरोपी संजय यादव उर्फ टाटा की तलाश में पुलिस ने छह से अधिक गांवों में छापे मारे लेकिन वह हाथ नहीं लग सका। पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार घटना में दो और लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस उनकी भी तलाश कर रही है।
कोट-
मुख्य आरोपी की तलाश में छापा मारा जा रहा है। शव की भी तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया जाएगा।
अंशुमन श्रीवास्तव,सीओ
जिस पर था विश्वास उसी ने उतार दिया मौत के घाट
संजय यादव उर्फ टाटा और शंकर पांडेय के परिवार के बीच काफी प्रगाढ़ संबंध थे। शंकर पांडेय के परिजन उस पर काफी विश्वास करते थे। तभी तो उसके फोन कर बुलाने पर उससे मिलने पहुंच गए। यहां से उन्हें कहीं और लेकर चले गए। पर क्या पता था कि जिस संजय यादव को शंकर अपने भाई जैसा समझते थे, वह उनकी हत्या कर शव सरयू नदी में फेंक देगा। शिवम के मुताबिक घटना के दौरान जब चाकुओं से वार कर रहे थे तब शंकर ने रिश्तों की दुहाई भी दी थी।
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हत्या के बाद पहले शव को झाड़ी में छिपाया, फिर बोरे में रख पुल से नदी में फेंका
शंकर हत्याकांड में पकड़े गए शिवम यादव ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि संजय के बुलाने पर हम गए थे। उसके बाद एक स्थान पर शंकर संजय और उसने मीट और बाटी खाया। इस दौरान दोनों ने जमकर शराब पी। शंकर ने शराब पीने से मना कर दिया। इसके बाद उसे इसारू गांव से दूर सुनसान जगह पर ले गए। यहां उस के ऊपर चाकू से वार कर हत्या कर दी गई। शव को यहीं पर छोड़ हम दोनों बाइक से भागलपुर पहुंच गए। संजय ने अपनी मां के गंभीर बीमार होने की बात कह एक व्यक्ति से कार मांग ली। इसके बाद शव को बोरे में रख भागलपुर पुल पहुंच शव को नदी में गिरा दिया।
पांच दिन बाद भी शव को नहीं बरामद कर सकी पुलिस
हत्या के बाद शव को बोरे में रख सरयू नदी में डाल दिया। इसकी जानकारी पर पुलिस एसडीआरएफ की टीम के मदद से शव को ढूंढने में जुट गई। पांच दिन बाद भी शव नहीं बरामद हो सका है। वहीं एसडीआरएफ की टीम चली गई। अब नदी किनारे रहने वाले आस पास के मछुआरों की सहयोग से शव की तलाश की जा रही है।
जानता कि इतना घिनौना कृत्य करेंगे तो नहीं देता कार
संजय को जिस व्यक्ति ने कार दी थी वह अपने को घटना के बाद से ही कोस रहे हैं। उनका कहना है कि आरोपियों ने मां के गंभीर बीमार होने की बात कही थी, साथ ही कहा कि एंबुलेंस नहीं मिल पा रही है। भावुक होकर आननफानन में कार दे दी। साथ ही कहा कि अगर हमारे लायक माताजी के इलाज में जरूरत हो तो बताना। पर मुझे क्या पता कि वह इतना घिनौना कार्य करेगा। अगर मुझे इस बात की भनक तक लगी होती तो किसी भी हाल में कार नहीं दी होती।