अवैध प्लाॅटिंग को चिह्नित करने के बाद नियत प्राधिकारी कार्यालय नोटिस भेजने के बाद चुप्पी साध ले रहा है

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

देवरिया। सरकारी तंत्र के लचर होने का फायदा अवैध प्लाॅटिंग करने वाले खूब उठा रहे हैं। अवैध प्लाॅटिंग को चिह्नित करने के बाद नियत प्राधिकारी कार्यालय नोटिस भेजने के बाद चुप्पी साध ले रहा है। इसके कारण अवैध काम करने वालों के चक्कर में आकर लोग जमीन, मकान के चक्कर में मेहनत की कमाई गांव दे रहे हैं।

जनपद में सरकारी योजनाओं को रफ्तार नहीं मिल पा रही है। इसका लाभ अवैध धंधा करने वाले उठा रहे हैं। अगर लोगों को सरकारी सुविधाएं मिल जातीं तो वे धंधेबाजों के चक्कर में पड़ने से बच जाते।

जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने अवैध प्लाॅटिंग का काम करने वालों की सूची बनाने का निर्देश दिया था। इसके क्रम में करीब आठ लोगों की सूची भी बनाई गई थी और ध्वस्तीकरण की योजना बनाई। पर इसी बीच उनका स्थानांतरण हो गया और पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
करीब एक दशक पहले आवास विकास परिषद ने सिंधी मिल कालोनी को अपने कब्जे में लेकर आवास निर्माण कराने की योजना बनाई थी। पर मामला फाइलों तक रह गया। बाद में हालत यह हुई कि जमीन का काम करने वाले लोगों ने इस जमीन की खरीद-फरोख्त कर दी और काॅलोनी भी बस गई। पर अभी तक आवास विकास परिषद की योजना शहर में धरातल पर नहीं उतर पाई है। इसके कारण आवास विकास परिषद की योजनाएं जिले में नहीं आ पाईं।

2019 तत्कालीन जिलाधिकारी अमित किशोर ने विकास प्राधिकरण के लिए शासन को प्रोजेक्ट तैयार कर भेजा था। पर मानक पूरा न होने पर मामला अटक गया। इसके बाद 2023 जनवरी में तत्कालीन जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने नगर पालिका क्षेत्र में 23 गांवों के शामिल होने पर मानक पूरा होने का तर्क देते हुए एक बार फिर शासन को भेजा, लेकिन मामला अभी शासन में अटका हुआ है। अगर प्राधिकरण बन जाता तो लोगों को विश्वसनीय तरीके से आवास और भूमि लेने की सुविधा होती। इतना नहीं बंद, कालोनियों का विकास होता। लोगों को सड़क, जल निकासी आदि की सुविधा भी मिल जाती।

कालोनाइर्जस बसाने का भी सपना अटका
देवरिया। करीब पांच माह पहले शहर नियोजन समिति की बैठक हुई थी। इसमें कालोनाइर्जस बसाने की योजना बनाई थी। इसके कारण शहर के दो लोगों ने लेआउट सहित मानचित्र पास कराने के लिए नियत प्राधिकारी कार्यालय को आवेदन किया। इसमें नियम बनाया गया कि कम से कम दस बीघा भूमि होनी चाहिए। दोनों आवेदकों ने मानक पूरा कर दिया। इसके बाद विभाग ने सर्वे कराया। पर मानचित्र अभी तक पास नहीं हो सका है। आवेदनकर्ता प्रेम कुशवाहा ने बताया कि कालोनाइर्जस बसाने की योजना अच्छी है। इसके लिए ले आउट दिया गया है। पर अभी तक पास नहीं हो पाया है, जबकि मानक भी पूरा है। संवाद

महायोजना में भी पेच
देवरिया। शहर में महायोजना लागू करने के लिए 2022 जून में खाका तैयार किया था। इसके लिए लोगों से सुझाव और आपत्तियां मांगी गईं थीं। ताकि जनवरी 2023 से इस योजना को लागू कर दिया जाए। पर कंसलटेंट कंपनी की लापरवाही के कारण यह योजना दस माह देर हो चुकी है। इसका असर यह है कि कई सड़कों का चौड़ीकरण का काम रुका हुआ है। भवन निर्माण के लिए मानचित्र स्वीकृति कराने में दिक्कत आ रही है। इसके कारण लोगों के भवन निर्माण का काम रुका हुआ है। संवाद

कोट:
पदभार ग्रहण किए मुझे अभी सिर्फ एक सप्ताह हुआ है। महायोजना को लेकर जिला योजना समिति की बैठक होनी है। अवैध प्लॉटिंग करने वालों को चिह्नित किया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी।
– विपिन द्विवेदी, नियत प्राधिकारी

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