कोर्ट ने दिया कब्जा हटाने का आदेश, फिर भी चक्कर काट रहे फरियादी

उत्तर प्रदेश देवरिया

शेर मुहम्मद
सफल समाचार

देवरिया। जिले में भूमि विवाद को लेकर फतेहपुर में छह लोगों की जान चली गई। इसमें राजस्व कर्मियों की लापरवाही सामने आ चुकी है। इसके बाद भी करीब तीन हजार मामले विभिन्न राजस्व न्यायालयों में लंबित हैं। बार-बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी इनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। कई मामलों में तो सरकारी और निजी भूमि से कब्जा हटाने का फैसला कई बार हो चुका है। इसके बावजूद भी लोग कोर्ट का आदेश लेकर दर-दर भटक रहे हैं। पर उसका अनुपालन राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण नहीं हो पा रहा है।

जिले में सबसे अधिक मामले हिस्सेदारी और पैमाइश के अटके हुए हैं। जिसका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। लोग समाधान दिवस से लगायत आला अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। अगर किसी अफसर ने कब्जा हटाने का आदेश भी दे दिया तो उसका पालन कराने में हीलाहवाली की जा रही है। विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो करीब तीन हजार 80 मामले लंबित पड़ हुए हैं। इसमें छह माह पुराने मामले छह सौ के करीब हैं और एक साल के पुराने मामले 480 हैं। एक से तीन वर्ष तक के 1225 और तीन से पांच वर्ष तक के मामले 390 के करीब हैं। जबकि पांच वर्ष से ऊपर मामलों की संख्या 318 है, जो तहसील और जिले के राजस्व न्यायालय में लंबित पड़े हुए हैं।

केस नंबर-एक
– रुद्रपुर तहसील के जोकहा निवासी रामनरायन तिवारी ने डीएम से गुहार लगाई है कि धारा 24 के तहत उनकी भूमि की पैमाइश का आदेश हो चुका है। पैमाइश 2021 में आदेश के बाद भी अभी तक लंबित पड़ी हुई है। कई बार उन्होंने कब्जा दिलवाने के लिए गुहार लगाई, लेकिन उनकी नहीं सुनी जा रही है।
केस नंबर-दो
– महुआडीह ग्रामसभा में आराजी नंबर 594मि. अभिलेख में सुरक्षित दलित आबादी के रूप में 14 कट्ठा भूमि दर्ज है। देवरिया – हाटा मुख्य मार्ग पर यह भूमि करोड़ों रुपये की है। इसलिए इस पर भू माफियाओं की गिद्ध दृष्टि गड़ गई। राजस्वकर्मियों से सांठगांठ कर मूल अभिलेख में कूटरचित तरीके से हेरफेर कर इस सुरक्षित दलित आबादी में गांव के एक गैर दलित को कृषि पट्टा आवंटित कर कब्जा दिला दिया गया। उस व्यक्ति ने जब निर्माण कार्य शुरू कराया तो ग्रामसभा के लोग हैरान रह गए। इस मनमानी के खिलाफ सक्षम न्यायालय में वाद पहले से लंबित था। फैसला आने तक निर्माण कार्य रोके जाने के लिए एसडीएम से गुहार लगाई गई। तत्कालीन सदर एसडीएम ने उस पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। इसे बावजूद निर्माण हो गया।
केस नंबर-तीन
– दुग्धेश्वर नाथ मंदिर परिसर से सटे सहनकोट परिक्षेत्र में करीब 12 लोगों का जमीन पर अवैध कब्जा है। जिस पर दीवार भी चला दी गई है। पर्यटन विभाग कई बार बेदखली का नोटिस भी दे चुका, लेकिन राजस्व कर्मियों भूमि को खाली नहीं कराया है। इसके कारण पर्यटन विकास में बाधक बन रहा है।
राजस्व वाद त्वरित गति से निस्तारित किए जा रहे हैं। सरकारी जमीन पर नियमानुसार खाली कराने की कार्रवाई की जा रही है। हाल के दिनों में कई कब्जे हटाए गए हैं। ऐसे मामलों को चिह्नित किया जा रहा है।

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