सुनीता राय
सफल समाचार
गोरखपुर:- रोडवेज बस चालकों और परिचालकों की दो घंटे की हड़ताल ने यात्रियों को बेहाल कर दिया। निगम की बसों के पहिए थमने से परेशान यात्री निजी बसों की तलाश में इधर-उधर भटकते नजर आए। सबसे ज्यादा दिक्कत यात्रियों को लोकल रूट पर हुई। हड़ताल समाप्त होने और बस चलने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।
पुलिस की पिटाई से सिद्धार्थनगर डिपो के बस चालक का हाथ टूटने से आक्रोशित रोडवेज के नियमित व संविदा चालकों और परिचालकों ने बसों को खड़ा कर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उस वक्त बस स्टेशन पर यात्रियों की अच्छी खासी भीड़ थी। बसों के पहिए रुकने से यात्रियों की चिंता बढ़ गई। यात्री यूनिवर्विटी चौराहे से महाराणा प्रताप तिराहे के बीच बसों की तलाश में भटकते नजर आए।
रेलवे बस स्टेशन पर बस्ती जाने के लिए अपने दो साल के बेटे के साथ राकेश बस में बैठे थे। बस चलती उससे पहले चालकों ने हड़ताल कर दिया। इस बीच उनका बच्चा रोने लगा, करीब एक घंटे बाद भी जब बस नहीं चली तो वह अपने बेटे चुप कराते हुए उसे गोद में उठाए निजी बस की तलाश में बस से उतर गए और यूनिविर्सिटी चौराहे तक पैदल ही चल दिए, लेकिन वहां भी उन्हें बस नहीं मिली तो थक-हार कर वह वापस बस स्टेशन आ गए और फिर से बस में बैठ गए। हड़ताल खत्म होने के बाद बस रवाना हुई।
इसी तरह लखनऊ जाने के लिए जनरथ बस में बैठी महिला सुनीता बस से नीचे उतर गई। सुनीता ने बताया कि वह आधे घंटे से बस में बैठी थी, लेकिन गर्मी से परेशान होने के चलते बाहर निकलना पड़ा। इस बीच कुछ विदेश पर्यटक भी बस की तलाश में भटकते हुए नजर आए।
क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम गोरखपुर परिक्षेत्र पीके तिवारी ने कहा कि रोडवेज के चालकों की हड़ताल से करीब दो घंटे तक परिवहन निगम की बस सेवा प्रभावित रही। घायल चालक को तीन माह का वेतन दिए जाने सहित अन्य मांगों पर सहमति बन गई है। हड़ताल से यात्रियों को थोड़ी दिक्कत हुई है।