विश्वजीत राय
सफल समाचार
पडरौना। शनिवार को बदली छाई रही। आठ किलोमीटर की गति से हवा चल रही थी। इसके कारण तापमान में दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। अचानक मौसम के करवट बदलने से खेती लोग गरम कपड़ों की तलाश में जुट गए। वहीं जिन किसानों की फसल नहीं कटी है, उनकी चिंता बढ़ गई है।
पिछले कुछ दिनों से आसमान में सुबह शाम बादल छा रहे थे। शनिवार को आसमान में सुबह से लेकर दोपहर तक बादल छाए रहे। इसके अलावा आठ किलोमीटर की गति से हवा चल रही थी। इसकी वजह से शनिवार को मौसम का अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को जिले के मौसम का अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस था। इससे लोग बीते दिनों की अपेक्षा ठंड अधिक महसूस कर रहे थे। दोपहर बाद सूरज निकलने तो हल्की धूप हुई, लेकिन शाम को पुन: मौसम की स्थिति पहले की तरह हो गई।
उदित नारायण पीजी कॉलेज के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय सिंह ने कहा कि इस समय गर्मी का मौसम समाप्त होने के साथ ठंडी का मौसम शुरू हो रहा है। ऐसे में वायु मंडल में अधिक दबाव है। इससे सड़कों पर उड़ रही धूल और वाहनों से निकले धुएं की वजह से हवा में प्रदूषण भी बढ़ा है। शनिवार को जिले की एक्यूवाई 209 दर्ज की गई है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब माना जाता है। हवा में प्रदूषण होने से वाहनों से निकले धुएं और धूल वायु मंडल में उपर नही जा पा रहे हैं। रविवार को दिवाली है। ऐसे में लोग पटाखा फोड़ेंगे, इससे प्रदूषण और बढ़ने की आशंका है। डॉ. संजय सिंह ने कहा कि जब तक बारिश नहीं होगी, तब तक इसी तरह का मौसम बनता रहेगा। बारिश होने के बाद मौसम साफ हो जाएगा।विशेष सावधानी बरतने की जरूरत
डॉ. विकास गुप्ता ने बताया कि हवा का प्रदूषित होना सभी लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सांस और फेफड़े के मरीजों के लिए सबसे अधिक हानिकारक है। दिवाली पर पटाखे जलाने से हवा का प्रदूषण और बढ़ेगा। इसलिए सांस के अलावा फेफड़े और हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। घर से निकलते समय मास्क जरूर लगाएं।