विश्वजीत राय
सफल समाचार
खड्डा। थाना क्षेत्र के ग्राम करदह (बाबू टोला) में पोखरे से सटे अमरूद के पेड़ की टहनी से एक किशोर का शव मंगलवार को रहस्यमय हाल में लटकता हुआ मिला। वहां भीड़ एकत्र हो गई। परिजनों को भी समझ में नहीं आ रहा है कि मौत कैसे हुई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और छानबीन में जुटी हुई है।
खड्डा थाना क्षेत्र के ग्राम सभा करदह के बाबू टोला निवासी स्वर्गीय रवींद्र चौधरी के 13 वर्षीय पुत्र सुरेश का शव पोखरे के किनारे अमरूद के पेड़ की टहनी से लटक रहा था। फंदा बनाने के लिए साड़ी का इस्तेमाल किया गया था। गले पर काला निशान था और हाथ-पैर पर छोटे-छोटे जख्म भी दिखाई दे रहे थे।
दोपहर बाद एक बुजुर्ग महिला पोखरे की तरफ गई तो उसने शव को लटकते देखा। उसने बाद गांव के लोगों को बताया। फिर सुरेश के शव को फंदे से नीचे उतारा गया, लेकिन उसकी मृत्यु हो चुकी थी। मृतक सुरेश के बडे भाई राकेश ने बताया कि मां के साथ रिश्तेदारी में गया था। घर आया तो पता चला है। समझ में नहीं आ रहा है कि यह कैसे हो गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
प्रभारी निरीक्षक नीरज राय ने बताया कि मामला सस्पेक्टेड है। पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मौत के वजह की जांच की जा रही है। रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट होगा।
सात भाई-बहनों में पांचवे नंबर पर था सुरेश
सुरेश सात भाई-बहनों में पांचवे नंबर का था। पिता की चार साल पहले मौत हो चुकी है। मां को कुछ माह पहले सर्प ने काटा था, तभी से बीमार रहती हैं। मां सुनीता बताती हैं कि वह रिश्तेदारी में बड़े बेटे के साथ गई थीं। मंगलवार को दोपहर में घर आईं तो सुरेश घर पर नहीं था। पता नहीं कैसे यह सब हो गया। सुरेश की बड़ी बहन अनिता (14 साल) व छोटा भाई सुजीत (10 साल) ने बताया कि सुबह घर से खेलने के लिए निकला था। पता नहीं कैसे यह हो गया। लोगों में चर्चा है कि इतनी कम उम्र में आत्महत्या जैसा कार्य नहीं हो सकता। जिस पेड़ से उसका शव लटक रहा था, उसकी डाली पतली है और जमीन से सुरेश का पैर टिका हुआ था। ऐसे में मौत होना असंभव प्रतीत हो रहा है। आशंका जताई जा रही है कि सुरेश को किसी ने मारकर बाद में आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की है।