शेर मुहम्मद
सफल समाचार
देवरिया। पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी और बारिश से जिले में भी ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। पछुआ हवा लोगों को कंपा रही है। इससे आम जनजीवन प्रभावित है। लेकिन सार्वजनिक जगहों पर अब भी ठंड से बचाव के इंतजाम नहीं हैं। नगरपालिका की ओर से अब भी कई जगहों पर लकड़ी का इंतजाम नहीं होने से अलाव की व्यवस्था नहीं हो पाई है। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मौसम से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश व बर्फबारी से जिले का तापमान भी प्रभावित हुआ है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 24 एवं न्यूनतम नौ डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भोर में व शाम को कोहरा पड़ने से भी जनजीवन प्रभावित हो रहा है। उधर, नगरपालिका की ओर से चिह्नित सभी 16 जगहों पर अलाव का इंतजाम अब भी नहीं हो पाया है। ईओ रोहित सिंह ने बताया कि लकड़ियां आते ही निर्धारित जगहों पर अलाव जलेगा।
देर रात रैन बसेरे का निरीक्षण करने पहुंचे गए डीएम
देवरिया। डीएम अखंड प्रताप सिंह ने सोमवार की देर रात्रि विभिन्न स्थलों का निरीक्षण कर ठंड से बचाव के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। पहले वह रोडवेज स्थित रैन बसेरे में पहुंचे, यहां सात यात्री सोते हुए मिले। यहां महिला एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग रहने की व्यवस्था है। दस महिला एवं 21 पुरूष यात्री सहित कुल 31 लोग रह सकते हैं। अलाव जलता मिला। डीएम ने अलाव का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने रैन बसेरे में रह रहे लोगों से संवाद कर मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।
इसके बाद वह मछलीहट्टा के निकट नगर पालिका कांपलेक्स में बने रैन बसेरे में पहुंचे। यहां 50 लोगों के रहने की सुविधा उपलब्ध है, तीन लोग सोते मिले। उन्होंने रैनबसेरे में पेयजल व्यवस्था, ठंड से बचाव के इंतजाम, शौचालय व्यवस्था आदि के विषय में जानकारी ली और आवाजाही रजिस्टर को जांचा। उन्होंने कहा कि बढ़ते ठंड में बेघर एवं दूर-दराज के क्षेत्र में यात्रा करने वाले लोगों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से रैन बसेरोंं की स्थापना की गई है। इन्हें अधिक से अधिक जन उपयोगी बनाया जा रहा है। ठंड बढ़ने पर प्रमुख चौराहों पर अलाव की व्यवस्था भी की जाएगी। संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति शीतलहर से भरी रात में खुले आसमान के नीचे न सोए।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी
देवरिया। जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि ठंड एवं शीतलहर से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एडवाइजरी जारी की है। जनपदवासी स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान के लिए समाचार पत्र पढ़े, रेडियो सुने एवं टीवी देखें जिससे यह पता चल सके कि शीतलहर आने वाली है और सतर्क रहें। इससे बचाव के लिए शरीर में गर्माहट बनाए रखने के लिए गरम पानी व अन्य गर्म भोज्य पदार्थों का सेवन करें । बाहर निकलते समय सिर, चेहरे, हाथ एवं पैर को गर्म कपड़े से ढके। शराब का सेवन कदापि न करें । हीटर, ब्लोअर कोयले की अंगीठी आदि जलाते समय थोड़ी खिड़की खोल के रखें जिससे जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बाहर निकल सके। सोने से पहले सभी हीटर-ब्लोअर, कोयले की अंगीठी आदि को बुझा दें।
ठंड के दौरान जानवरों को सुरक्षित स्थान पर रखें और पशुशाला को चारों तरफ से ढक कर रखें। शीतलहर के दौरान पशुओं को बांध कर रखें खुले में न छोड़ें। वाहन में रेडियम की पट्टी लगाए जिससे रात के समय सामने से आ रहे वाहन चालक वाहन को आसानी से देख सके । शीतदंश जैसी विभिन्न बीमारियों के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। शीतलहर के समय वृद्ध एवं बच्चों का विशेष ध्यान दें । जन सामान्य को ठंड से बचने के लिए जनपद में अलाव स्थलों को चिन्हित किया गया है । असहाय निराश्रित एवं राहगीरों के ठहरने के लिए रैन बसेरा स्थापित किए गए हैं। रैन बसेरा में कोई भी निराश्रित असहाय अथवा राहगीर निशुल्क रुक सकता है । रैन बसेरा में पेयजल, बिस्तर, प्रकाश सफाई आदि के समुचित प्रबंध किए गए हैं । रैन बसेरा के संचालन हेतु व्यवस्थापक नियुक्त किए गए हैं । शीत लहर व ठंड से बचाव के संबंध में क्या करें क्या ना करें का वीडियो जनपद की वेबसाइट पर उपलब्ध है जिसे https://deoria.nic.in/district-disaster-management-authority पर देखा जा सकता है।