विश्वजीत राय
सफल समाचार
पकड़ियार बाजार। रामकोला चीनी मिल शुरू होने के चलने के दो माह बाद भी पर्ची जारी नहीं की गई। मिल के इस रवैए से नाराज किसानों ने नेबुआ नौरंगिया के चरिघरवा चौराहे पर शनिवार को प्रदर्शन किया। किसान पर्ची दिए जाने की मांग कर रहे थे। पर्ची न मिलने के कारण किसान क्रशरों पर गन्ना बेचने को विवश हैं।
रामकोला चीनी मिल के सिंगहा सर्किल के सौरहा खुर्द व अन्य गांवों में छोटे किसानों को मिल चलने के दो माह बाद भी पर्ची जारी नहीं हो पाई है। केन यूनियन और चीनी मिल का चक्कर लगाकर किसान परेशान हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि पर्ची के अभाव में अपना गन्ना औने पौने दाम पर क्रशरों पर बेच रहे हैं। पर्ची न आने से गेहूं की बुआई में पिछड़ते देख मजबूरन क्रशर पर गन्ना बेच रहे हैं। दो माह से पर्ची का इंतजार कर रहे हैं। पर्ची न मिलने के कारण प्रदर्शन करने को विवश हुए हैं। चरिघरवा चौराहे पर इकठ्ठा हो किसानों ने पर्ची न मिलने की वजह से विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन कर रहे किसान रामायण पटेल, राधेश्याम, पारसनाथ, सुरेश यादव, रामप्रवेश पटेल, बिरझन, कमलेश गोंड, संतोष यादव, मुखलाल, कन्हैया पटेल ने बताया कि हम लोगों का एक से दो गाड़ी का कोटा है और पेड़ी गन्ना खेत में लगा हुआ है। अभी तक एक भी पर्ची नहीं मिली है। सातवें, छठवें पक्ष में पर्ची बनाईं गई है। खेत खाली न होने से गेहूं की बुआई नहीं हो पा रही हैं। किसानों का आरोप है कि मिल और समिति पर शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मजबूरन गन्ना क्रशर पर बेच रहे हैं। किसानों ने प्रदर्शन कर चेताया कि अगर एक से दो दिन के भीतर पर्ची जारी नहीं हुई तो प्रभावित किसान आमरण-अनशन पर बैठेंगे।
वर्जन-
एक से दो गाड़ी वाले किसानों को पर्ची के लिए प्राथमिकता है। उन्हें 45 दिनों के अंदर पर्ची जारी हो जानी चाहिए। पर्ची जारी न होने की जानकारी हुई है। मामले को दिखवा रहा हूं।
दिलीप सैनी, जिला गन्ना अधिकारी।
यह है नियम-
गन्ना सट्टा नीति के मुताबिक चीनी मिल संचालन के 45 दिनों के भीतर छोटे किसानों को पर्ची जारी होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह गन्ना सट्टा नीति का उल्लंघन माना जाता है। उल्लंघन होने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।