तहसील में किसान के साथ हुई मारपीट के मामले में शनिवार को भाजपा कार्यकर्ताओं के धरने के बाद चार लेखपालों समेत छह राजस्वकर्मियों पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एक दिन पहले लेखपाल की तहरीर पर किसान के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। भाजपा नेताओं ने कहा कि लेखपाल लगातार मनमानी कर रहे हैं। उनके द्वारा भ्रष्टाचार भी किया जा रहा है। मामले में एसडीएम बांसडीह राजेश गुप्ता को ज्ञापन सौंपा गया।
भाजपाइयों ने बताया कि शुक्रवार को लेखपालों ने करम्मर निवासी किसान राजेश सिंह के साथ मारपीट कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। प्रशासन तत्काल इस मुकदमे को वापस ले। किसानों और काश्तकारों से की जा रही अवैध वसूली बंद की जाए। तहसील पर नियमित रूप से लेखपालों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए जाए। मंडल अध्यक्ष प्रतुल ओझा ने कहा की बांसडीह तहसील के लेखपाल अपने संगठन की शक्ति की आड़ में उन्मादी होकर शासन के नियमों के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। आए दिन क्षेत्र के किसानों के साथ दुर्व्यवहार करने के साथ छोटे छोटे राजस्व संबंधी कार्यों को लेकर वसूली की जा रही है। कुछ दिन पूर्व ही तहसील में एंटी करप्शन की टीम ने स्थानीय लेखपाल नवनीत खरवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। यदि इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तीव्र कर दिया जाएगा। शाम को पहुंचे एसडीएम राजेश गुप्ता ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। पीड़ित किसान का मेडिकल कराया गया। लेखपाल पर विभागीय कार्रवाई के लिए नायब तहसीलदार के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई गई। इसके बाद धरनारत भाजपा कार्यकर्ता धरने से उठे। वहीं आरोपी लेखपाल राजेश राम समेत छह राजस्वकर्मियों पर मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है।
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