उच्चाधिकारियों के आंखों में धूल झोंककर चहेतो को बचाने की कोशिश कर रहे हैं जिम्मेदार कर्मचारी, आरोप

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

प्रवीण शाही

सफल समाचार कुशीनगर

उच्चाधिकारियों के आंखों में धूल झोंककर चहेतो को बचाने की कोशिश कर रहे हैं जिम्मेदार कर्मचारी, आरोप

जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के बाबुओ के अजीबोगरीब कारनामे

 

👉 *जिस शिकायत की जांच हो गयी, उसकी जांच आख्या रिपोर्ट न देकर उच्चाधिकारियों के पुराने पत्र भेजकर गुमराह कर रहे कर्मचारी*

 

👉 *आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप सिंह को भेजे गये पत्र से हुआ खुलासा*

 

👉 *चहेतो को बचाने के लिए माननीय न्यायालय की अवमानना से भी गुरेज नही कर रहे जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की यात्रा करने वाले वर्षों से अंगद की तरह पाँव जमाये कर्मचारी*

 

तमकुहीराज विकास खण्ड क्षेत्र के बभनौली निवासी आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप कुमार सिंह बीते 19 दिसंबर को डीएम कुशीनगर को पत्र सौपकर बताया कि मेरे ग्राम सभा मे व्यापक स्तर पर शौचालय निर्माण में अनियमितता की गई है, माननीय उच्च न्यायालय ने मेरे शिकायत प्रकरण का निस्तारण इस आदेश की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने की तारीख से छः सप्ताह में करने का निर्देश दिया है। मेरे द्वारा 10. 01.2023 को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत निर्माण कराये गये शौचालय में किये गये व्यापक वित्तीय अनियमितता से सम्बन्धित शिकायत मिशन निदेशक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) उत्तर प्रदेश से किया गया था, जिस पर कार्यवाही हेतु दिनांक 13.01.2023 को मिशन निदेशक महोदय ने जिलाधिकारी महोदय, कुशीनगर को जाँच कराकर उचित कार्यवाही करने हेतु पत्र भेजा था, परन्तु इस पत्र के भेजने के लगभग 11 माह बाद भी इस शिकायत का निस्तारण नही हुआ। अनेको बार जिला पंचायतराज अधिकारी कुशनगर के चक्कर लगाने के बाद भी शिकायत के निस्तारण नही होने पर हमने न्याय के लिए माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली। उन्होंने आरोप लगाया है कि शिकायत के बाद 29 दिसम्बर को जांच भी हो गयी और जांच अधिकारियों ने जांच आख्या रिपोर्ट भी दे दी हैं, लेकिन पहले तो जांच आख्या देने से जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय कुशीनगर में वर्षो से जमे कर्मचारी कतराते रहे, लेकिन जिला पंचायत राज अधिकारी कुशीनगर से इसकी शिकायत की गई तो उन्होंने जिम्मेदार कर्मचारियों को जांच आख्या देने का निर्देश दिया , उसके बावजूद भी मुझे जांच आख्या न भेजकर जिला पंचायत राज अधिकारी का जांच करने से संबंधित 21 दिसम्बर का पुराना पत्र भेज दिया गया। अब सवाल उठता हैं कि क्या यह कारनामे उच्चाधिकारियो के संज्ञान में हो रहा है या भ्रष्टाचार के आकण्ठ में डूबे जिम्मेदार कर्मचारी दोषी चहेतो को बचाने की कोशिश कर रहे हैं…. यक्ष प्रश्न है …?

अब देखना है कि जिम्मेदारों की कलई खुलने के बाद उच्चाधिकारियों की तरफ से क्या कार्रवाई होती है, चर्चा का विषय हैं।

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