विश्वजीत राय
सफल समाचार कुशीनगर
कुशीनगर: लापरवाही की भेंट चढ़ा आरोग्य मेला, नहीं पहुंचे डॉक्टर
-न्यू पीएचसी में दवाओं का रहा टोटा, गायत्री मंदिर के पीछे स्वास्थ्य केंद्र पर गायब रहे डॉक्टर और एलटी
पडरौना। डॉक्टरों और कर्मचारियों की मनमानी की वजह से मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में रोगियों को इलाज नहीं मिल नहीं मिल रहा है।
गायत्री मंदिर के पीछे नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर और एलटी मौजूद नहीं रहे। फार्मासिस्ट दवा वितरण करते मिले। मरीजों ने बताया कि आरोग्य मेले में कभी डॉक्टर और एलटी नहीं आते हैं। इसकी वजह से खून की जांच नहीं होती है। यही हाल जिले के अधिकांश न्यू पीएचसी पर रहा।
तमकुहीराज के न्यू पीएचसी करमैनी में तीन बजे तक 50 मरीज इलाज के लिए पहुंचे। इसमें 20 खांसी और बुखार से पीड़ित रहे, लेकिन उनको सिर्फ बुखार की दवा मिली। डॉक्टर ने बाजार से सिरप खरीदने के लिए कहा। अस्पताल में इकलौते डाॅ. संजय कुमार मौजूद रहे, और मरीजों को दवा दे रहे थे। जांच की कोई सुविधा नहीं थी। आधी-अधूरी दवाएं उपलब्ध थीं। डॉक्टर ने बताया कि एक वार्ड बॉय है, जिसकी ड्यूटी पुलिस भर्ती में लगी है। फाजिलनगर सीएचसी पर आरोग्य मेले में दिन में एक बजे तक मरीज डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे। इमरजेंसी में डॉ. रविशंकर को छोड़कर कोई स्वास्थ्यकर्मी नहीं मौजूद था। सभी डाॅक्टरोंं का कक्ष खाली था।
पिपरा कनक निवासी खलील परिजन सबया परवीन को इलाज के लिए लेकर डेढ़ घंटे से इंतजार कर रहे थे। राजकुमारी हरपुर बेलही, आशिया खातून छठियांव वार्ड-12, हुश्नतारा एक घंटे से आई थीं, लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे थे। हरिनारायण सिंह चौहान चौहान पट्टी से किसी परिचित के साथ शुगर की जा़ंच कराने पहुंचे, लेकिन पैथालॉजी बंद होने के कारण लौटना पड़ा।
न्यू पीएससी लवकुश में दिन में 12 बजे डॉ. पूनम गुप्ता सिर्फ मौजूद रहीं, जबकि मेले में एलोपैथ के एक भी डाॅक्टर नहीं थे। वार्ड बॉय मकबूल की पुलिस परीक्षा में डयूटी लगी थी, जबकि एलए राहुल सिंह, एनएम कालिंदी मिश्रा व चौकीदार नंदलाल गुप्ता ड्यूटी पर मौजूद रहे। 12 मरीजों दोपहर तक आए थे।
नेबुआ नौरंगिया भूमिहारी पट्टी पीएचसी पर आरोग्य मेले में दोपहर 1 बजे तक 14 मरीज पहुंचे। शिवम कुमार, शंभा देवी, पारस ने बताया कि कुछ दवाएं बाहर से लेनी पड़ रही हैं, जबकि आरोग्य मेले में अधिकांश दवाएं मिली हैं।
सीएओ डॉ. सुरेश पटारिया ने बताया कि पुलिस भर्ती परीक्षा में अधिकांश डॉक्टरों की ड्यूटी लग गई थी। इसके चलते न्यू पीएचसी पर डॉक्टर नहीं होंंगे। बाकी स्टाफ को मौजूद रहने का निर्देश दिया गया था, जो गैरहाजिर होगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।