कुशीनगर: 42 महिलाओं को ऋण दिलाकर एक करोड़ ले उड़ा दंपती

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

प्रवीण शाही

सफल समाचार कुशीनगर

 

कुशीनगर: 42 महिलाओं को ऋण दिलाकर एक करोड़ ले उड़ा दंपती

 

दूदही (कुशीनगर)। माइक्रो फाइनेंस कंपनी के वर्करों की मिलीभगत से चाय विक्रेता दंपती 42 महिलाओं के नाम पर ऋण लेकर एक करोड़ से अधिक रुपये लेकर फरार हो गया। माइक्रोफाइनेंस कंपनी के वर्कर जब महिलाओं के घर वसूली करने पहुंचे तो इसका फंडाफोड़ हुआ।

 

कर्ज लेने में सभी महिलाओं का पहचान पत्र फर्जी बनाया गया है। कर्जदार बनी महिलाएं पुलिस से शिकायत की हैं। कर्ज वसूली के लिए माइक्रो फाइनेंस कंपनी के वर्कर दबाव बना रहे हैं।

विशुनपुरा थाना क्षेत्र के दुदही नगर पंचायत के वार्ड नंबर सात सुभाष चंद्र बोस नगर निवासी दंपती की कस्बे में चाय की दुकान है। वे कई माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के सेंटर लीडर के तौर पर काम कर रहे थे। दंपती गांवों और कस्बा की महिलाओं को एक साल में रुपये दोगुना करने का लालच देकर अपने चंगुल में फंसाते थे। उनका फर्जी पहचान पत्र बनाकर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से ऋण दिलवाकर और रुपये अपने पास रख लेते थे। माइक्रोफाइनेंस कंपनी के वर्कर भी दंपती से किस्त वसूलते थे। करीब एक माह पहले दंपती चाय की दुकान बंद कर फरार हो गए। इसके बाद अलग-अलग फाइनेंस कंपनियों के वर्कर कर्जदार बनी महिलाओं के दरवाजे पर किश्तों की वसूली के लिए पहुंचे और पूरी बात बताई तो महिलाएं परेशान हो गईं। महिलाओं के पति का फर्जी पहचान पत्र बनाकर कर्ज लिया गया है। पहचान पत्रों में इनके पति की जगह दूसरे का फोटो लगा है।

महिलाओंं ने फाइनेंस कंपनी के वर्करों को दंपती की कहानी बताई और कर्ज लौटने से इन्कार करने लगीं। फाइनेंस कंपनी के वर्करों ने दबाव बनाया और गोल बनाकर एक साथ पीड़ित

 

महिलाओं के घर पहुंच रहे हैं। रविवार को 40 वर्षीय सावित्री की तबीयत बिगड़ गई। इनका इलाज सीएचसी में कराया गया। पीड़ित महिलाओं ने पुलिस और डीएम को पत्र देकर जालसाज दंपती और फाइनेंस कंपनी के वर्करों पर कार्रवाई की मांग की है। एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि जालसाजी कर माइक्रो फाइनेंस कंपनी से कर्ज दिलाकर रकम हड़पने वाले कई जालसाजों पर पूर्व में कार्रवाई की गई है। इस मामले की भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

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ऐसे किया फर्जीवाड़ा, पहचानपत्र में अजनबी को बना दिया पति

दुदही। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की वर्कर सेंटर लीडर से मिलकर गरीब भोली भाली महिलाओं को ठगी की शिकार तो बना ही रहे है। साथ ही साथ माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को भी चूना लगा रहे है। ऐसा ही मामला दुदही नगर पंचायत के वार्ड सात सुभाष चंद्र बोस नगर में सामने आया है। चाय की दुकान चलाने वाले पति-पत्नी के भागने का बाद फर्जी आईडी मिली है। कर्जदार बनी माधो चौबे की पत्नी रीना देवी का अभी निर्वाचन में नाम नहीं जुड़ा है, और नहीं राशन कार्ड में नाम है। फिर भी माइक्रो फाइनेंस कंपनी वालों ने सेंटर लीडर महिला से मिलकर 4.50 लाख रुपये उठावा कर लिया है। इसमें रीना के नाम से दो वोटर आईडी कार्ड अलग-अलग बना है।

 

कृष्णा की पत्नी सलहंती से चार लाख रुपये करीब सात कंपनियों से दिलवाया गया है। सलहन्ति की उसके पति के अलग-अलग वोटर आईडी बनाकर फाइनेंस कंपनी के दस्तावेज में इस्तेमाल किया गया है। सुदामा आर्या की पत्नी उमा देवी के नाम से करीब 5.50 लाख रुपये 12 अलग-अलग कंपनियों से लिया गया है। उमा की पति सुदामा की जगह उमेश चौहान को पति बनाकर कर फर्जी वोटर आईडी बनाया गया है। इसी तरह सुमन की पत्नी की अंजान व्यक्ति की फ़ोटो आईडी लगा कर तीन लाख से अधिक रुपये निकलवाया गया है।इसके अलावे माया, सुनीता, इंदु, जयपति, ध्यानती, लालती, सुनीता, मंजू, सुनीता, मधु समेत 42 महिलाओं के साथ इस तरह का फर्जीवाड़ा हुआ है। फाइनेंस कंपनी के वर्कर भी अपना टारगेट पूरा करने के लिए फर्जी दस्तावेज की बिना जांच किए ऋण बांट रहे हैं।

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