कुशीनगर: कार्रवाई के बाद नजर नहीं आए दलाल, आसपास की बंद रहीं दवा की दुकानें

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय

सफल समाचार कुशीनगर

कुशीनगर: कार्रवाई के बाद नजर नहीं आए दलाल, आसपास की बंद रहीं दवा की दुकानें

 

पडरौना। पुलिस की कार्रवाई के बाद शनिवार को मेडिकल कॉलेज में दलाल नजर नहीं आए। कैंपस के आसपास के मेडिकल स्टोर बंद रहे। मेडिकल कॉलेज प्रशासन सक्रिय दिखा और सुरक्षा गार्ड पर्ची काउंटर से ओपीडी तक दौड़ते नजर आए।

 

मरीजों की पर्ची लिखने वाली सभी दवाएं मेडिकल कॉलेज से मिल रही थी। जबकि इसके पहले पर्ची पर लिखी गई दो से तीन दवा मेडिकल स्टोर से मरीजों को खरीदनी पड़ती थी। वह मेडिकल कॉलेज में नहीं मिलती थी। दलालों पर शिकंजा कसने के बाद यह नया बदलाव देखने को मिला। स्वास्थ्यकर्मियों की सांठगांठ से दवा बेचने से लेकर जांच कराने में कमीशनखोरी का खेल चल रहा था।

मेडिकल कॉलेज प्रशासन की पहल और एसपी के निर्देश पर एसओजी ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज से छह दलालों को गिरफ्तार किया था, बाकी दलाल भाग निकले थे। मेडिकल कॉलेज में गैंग बनाकर दलाल डॉक्टर के चैंबर, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी, दवा काउंटर, एमसीएच विंग में आने वाले मरीजों को शिकार बनाने वाले दलालों का कहीं पता नहीं था। एमसीएच विंग बिल्डिंग के पर्ची काउंटर पर शनिवार को सुबह 11:30 बजे करीब 350 सौ नए मरीजों ने पंजीकरण कराया था। गायनी विभाग में 110 मरीजों का इलाज किया गया था। अस्पताल की ओपीडी में 11:50 बजे मरीजों और तीमारदारों की भीड़ लगी हुई थी। मेडिसिन विभाग में करीब 65, पल्मोनरी व रेस्पेरेट्री विभाग में 60, हड्डीरोग विभाग में 95, नेत्ररोग विभाग में 77, बालरोग विभाग में 55 मरीज इलाज के लिए आए थे। एआरवी विभाग में 12:00 बजे तक 52 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी। अस्पताल के दवा काउंटर पर 12:15 बजे दवाओं के लिए मरीजों और तीमारदारों की लंबी कतार

 

लगी थी। खास बात यह रही कि मरीजों के पर्ची पर जो भी दवा डॉक्टर लिखे थे, वे सभी दवाएं काउंटर पर मिल जा रही थी। किसी मरीज के पर्ची पर एक भी बाहरी दवा डॉक्टर नहीं लिख रहे थे, 12:25 बजे रेडियोलॉजी विभाग में 80 मरीजों का एक्सरे किया गया जबकि 23 मरीजों का अल्ट्रासाउंड हुआ था। मेडिकल कॉलेज के पैथालॉजी विभाग में दोपहर के 12:40 बजे 67 मरीजों की जांच के लिए नमूने लिए गए।

वार्डों में भी रही भीड़

-अस्पताल में शनिवार को एसएनसीयू वार्ड में 56 नवजात बच्चों का यहां उपलब्ध 22 बेड पर इलाज चल रहा था। उसमें चार नवजातों के फेफड़ों में संक्रमण, चार पीलिया और बाकी 48 झटका के मरीज मिले। मेडिसिन वार्ड में 56 मरीज भर्ती किए गए थे। मेडिसिन वार्ड में मरीजों के बेड और गलियारों में उनके साथ आए तीमारदार जमे हुए थे, जो संक्रमण के साथ-साथ वार्ड में भीड़ का कारण बने हुए थे। सर्जिकल वार्ड में 22 मरीज भर्ती मिले।

मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। सभी सुविधाएं निशुल्क हैं। मरीजों और उनके परिजनों को किसी के बहकावे में आने की जरूरत नहीं है। कॉलेज प्रशासन इस तरह की कार्रवाई आगे भी करता

रहेगा। सीसीटीवी कैमरे से भी अब मॉनिटरिंग की जा रही है। -डॉ. आरके शाही, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *