कई माह से नदारद चल रही ज्योति सिंह को बीएसए ने किया निलंबित चार विद्यालय का चार्ज होने का दावा करने वाले प्रधानाध्यापक के खिलाफ बीएसए ने दिया जांच का आदेश 

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय

सफल समाचार कुशीनगर

कई माह से नदारद चल रही ज्योति सिंह को बीएसए ने किया निलंबित

चार विद्यालय का चार्ज होने का दावा करने वाले प्रधानाध्यापक के खिलाफ बीएसए ने दिया जांच का आदेश

 

कुशीनगर। जनपद के सुकरौली विकास खण्ड क्षेत्र के लेहनी द्वितीय गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय के शिक्षिका ज्योति सिंह के खिलाफ बीएसए ने निलंबन की कडी कार्रवाई की है। इसके अलवा यहां के प्रधानाध्यापक के विरुद्ध खण्ड शिक्षा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने का निर्देश दिया है। बीएसए द्वारा यह कार्रवाई कई माह से विद्यालय से गायब रही शिक्षिका ज्योति सिंह के खिलाफ मिली शिकायतो की जांच के दौरान अनुपस्थित पाये जाने व उपस्थित पंजिका पर जगह-जगह फ्रूड लगाकर अपना हस्ताक्षर बनाकर हर माह पुरा वेतन उठाने के मामले में किया गया है।

 

बेशक! शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग हम दुनिया को बदलने के लिये कर सकते हैं”, इसके माध्यम से इस तथ्य को रेखांकित किया जा सकता है कि शिक्षा, ‘अज्ञानता, गरीबी, सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार’ के बंधनों से मुक्ति प्राप्त करने का साधन है। यही वजह है कि केन्द्र की मोदी और सूबे की योगी सरकार सबको समान शिक्षा उपलब्ध कराने व शिक्षा के स्तर बेहतर करने की गरज से सर्व शिक्षा अभियान, स्कूल चलो अभियान, शिक्षा अधिकार कानून सहित तमाम महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कर

 

कर सभी को एक समान शिक्षा का अधिकार मुहैया कराते हुए स्कूल से जोडती रही है। किन्तु अफसोस जनपद के सुकरौली विकास खण्ड क्षेत्र के लेहनी द्वितीय प्राथमिक विद्यालय पर तैनात शिक्षिका ज्योति सिंह, प्रधानाध्यापक विदेश कुमार और वहा के जिम्मेदार अधिकारी पीएम मोदी और सीएम योगी के नेक नीयती संकल्पित महत्वाकांक्षी योजनाओं की पलीता लगाने मे लगे है। बताया जाता है कि सकरौली विकास खंड के तमाम प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या कागजो में अधिक दिखाकर एमडीएम की धनराशि का बंदरबांट किये जाने से विद्यालय के जिम्मेवार बाज नही आ रहे है।

 

पांच माह से नदारद है ज्योति सिंह

ऐसी चर्चा है कि लेहनी द्वितीय प्राथमिक विद्यालय पर तैनात शिक्षिका ज्योति सिंह तकरीबन पांच माह से विद्यालय नही आ रही है। वह बीच-बीच में एकाध दिन स्कूल आकर विद्यालय के उपस्थिति पंजिका पर पूरे माह का हस्ताक्षर बनाती है और हर माह का पुरा वेतन उठाती है। इसी कडी मे उपस्थिति पंजिका मे कई जगह वाइटनर लगाकर भी ज्योति सिंह द्वारा हस्ताक्षर किये जाने की बात सामने आ रही है। शिक्षिका ज्योति सिंह कितने दिनों से विद्यालय नही आ रही है, प्रति दिन बिना विद्यालय आये उपस्थिति पंजिका पर कैसे उनका हस्ताक्षर बनता रहा है सहित तमाम आरोप है जो गहन जांच का विषय है। ग्रामीणों का आरोप है महीनो से विद्यालय नही आ रही ज्योति सिंह के खिलाफ उन लोगो ने कई बार व्लाक स्तर से लगायत जिले स्तर तक के अधिकारियों से शिकायत की लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नही किया। ऐसा प्रतीत होने लगा कि यह सब कुछ अधिकारियों के मिलीभगत से हो रहा है इसके बाद इस मामले को मीडिया के समक्ष लाया गया। मीडिया के लोग जब विधालय पहुंचे तो वहा शिक्षामित्र सभी कक्षाओं के दो दर्जन छात्रों को एक ही कक्षा में बैठाकर पढ़ाती हुई मिली। मीडिया ने जब इस

 

संबंध मे अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही तो विभाग-ए-शहंशाह ने तत्काल खण्ड शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। खण्ड शिक्षा अधिकारी अमितेश कुमार के जांच में पाया गया कि ज्योति सिंह बिना किसी सूचना एवं आदेश की विद्यालय से गायब है। पांच दिन से उपस्थिति पंजिका पर शिक्षिका का हस्ताक्षर नहीं बना था। वह वाइटनर लगाकर पूर्व मे कई जगह हस्ताक्षर की हुई थी। खण्ड शिक्षा अधिकारी के जांच रिपोर्ट के आधार पर बीएसए राम जियावन मौर्य ने शिक्षका ज्योति सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

 

🔴 प्रधानाध्यापक के खिलाफ जांच

 

ग्रामीणों द्वारा शिक्षका ज्योति सिंह व प्रधानाध्यापक विदेश कुमार की कारस्तानी जानकारी देने के बाद जब मीडिया टीम विद्यालय मे पहुची तो वहा एक शिक्षामित्र के सिवाय मौके पर कोई नही मिला। मीडिया ने जब विद्यालय के प्रधानाध्यापक विदेश कुमार से बात किया तो उन्होंने कहा कि उनके पास चार विधालय का चार्ज है। अब सवाल यह उठता है कि किन परिस्थितियों में और क्यो? विदेश कुमार को चार विद्यालयो का चार्ज दिया गया है इसके पीछे जिम्मेदारो की मंशा क्या है। हालाकि इस संबंध मे बीएसए राम जियावन मौर्य का कहना है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी के रिपोर्ट पर शिक्षिका ज्योति को निलंबित कर प्रधानाध्यापक के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानाध्यापक पर साहब की मेहरबानी बरसती है या फिर कार्रवाई का डंडा चलता है।

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