सुनीता राय
सफल समाचार गोरखपुर
मुझे प्रताड़ित किया जा रहा, इसलिए मैं प्राण-त्याग रहा हूं: जितेंद्र बहादुर सिंह
गोरखनाथ थाने में जहर खाकर पहुंचा युवक, बोला- PAC जवान और चौकी इंचार्ज मिलकर मुझे बना रहे है चोर
उत्तर प्रदेश गोरखपुर में रविवार को पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर एक व्यक्ति ने जहर खा लिया। इसके बाद वह गोरखनाथ थाने पहुंचे और इसकी जानकारी दी। आनन-फानन में पुलिसकर्मियों ने उसे BRD मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। सूचना पर पहुंचे मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों ने व्यक्ति का बयान दर्ज कर कार्रवाई का भरोसा दिया।
आपको बता दे कि देवरिया जिले के लार थानाक्षेत्र के पिंडी गांव के रहने वाले 45 साल के जितेन्द्र बहादुर सिंह ने गोरखपुर जनपद के थाना शाहपुर के कौआ बाग चौकी इंचार्ज विवेक रंजन और अपने रिश्तेदार PAC जवान सत्येन्द्र सिंह पर प्रताड़ित करने के साथ ही चोर बनाने का आरोप लगाते हुए जहर खा लिए। दरअसल, जितेंद्र ने साल 2014 में शाहपुर थाना क्षेत्र के जंगल तुलसीराम में 2000 वर्ग फुट जमीन ओम प्रकाश सिंह से अपने पत्नी फूलमती के नाम पर बैनामा कराया था। उसी समय PAC में तैनात सिपाही सत्येंद्र सिंह ने भी अपनी पत्नी बिंदु सिंह के नाम 2000 वर्ग फुट जमीन वहीं पर खरीदी थी। सत्येन्द्र सिंह जमीन पर कब्जा कर निर्माण करा रहे थे तो वहीं जितेंद्र बहादुर सिंह ने अपने जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ शिकायत की थी। लेखपाल की रिपोर्ट जितेन्द्र के पक्ष में थी। इस विवाद को सुलझाने के लिए 21 मार्च 2023 को शाहपुर पुलिस राजस्व टीम के साथ मौके पर गई, लेकिन दोनों पक्ष के सहमत न होने पर पुलिस लौट आई थी।
जितेन्द्र बहादुर सिंह ने अपनी जमीन से कब्जा हटाने के लिए कई बार अफसरों से फरियाद की लेकिन मामले का हल नहीं
निकला। उधर, सत्येन्द्र सिंह जमीन को छोड़ने की जगह उस पर निर्माण के लिए सरिया सहित अन्य सामान गिरवा लिए थे। आरोप है कि सत्येंद्र सिंह ने जितेन्द्र पर सरिया चोरी का इल्जाम लगा दिया। इसके बाद शाहपुर के कौआ बाग चौकी इंचार्ज विवेक रंजन ने इस मामले में पूछताछ के लिए जितेन्द्र को बुलाया था। इस घटना से आहत होकर जितेन्द्र सिंह रविवार को जहर खाकर गोरखनाथ थाने पहुंच गए। आनन-फानन में उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। फिलहाल डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। पुलिस अधिकारियों के साथ ही मजिस्ट्रेट ने जितेन्द्र का बयान दर्ज किया है। मौके पर शाहपुर-गोरखनाथ और गुलरिहा थाने की पुलिस मौजूद है।
जहर खाने से पहले लिखा सुसाइड नोट
जितेंद्र बहादुर सिंह ने जहर खाने से पहले एक सुसाइड नोट लिख कर अपने पास रख लिया था। उसके पास से मिले नोट में उसने लिखा है कि विगत दो सालों से मेरे जमीन पर सत्येंद्र सिंह पुत्र स्वर्गीय हेमलाल सिंह निवासी धतौनी बहोर पोस्ट भटहवा बरहज देवरिया की ओर से कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। विरोध पर मुझे, शाहपुर थाना के कौआ बाग चौकी इंचार्ज विवेक रंजन के साथ मिलकर झूठे चोरी सहित अन्य तरह से फंसाने की कोशिश की जा रही है। मुझे तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे आहत होकर मैं अपना प्राण त्याग रहा हूं। इसकी सारी जिम्मेदारी PAC के सिपाही सत्येंद्र सिंह और चौकी इंचार्ज कौआ बाग विवेक रंजन की है। इसमें राजस्व विभाग का धीमा रवैया भी शामिल है।
जितेन्द्र बहादुर सिंह पिंडी में हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं, उनके 2 बेटें हैं। बड़ा बेटा BBDU लखनऊ से LLB कर रहा है। जबकि, दूसरा बेटा केन्द्रीय विद्यालय एयरफोर्स में 12वीं का छात्र है। जितेन्द्र सिंह हिन्दू युवा वाहिनी लार में संयोजक भी रह चुके हैं। इस समय वह पूर्वांचल मुक्ति वाहिनी में प्रदेश संयोजक हैं।
1 ही दिन 3 लोगों ने कराई थी रजिस्ट्री
1 ही दिन 3 लोगों ने शाहपुर इलाके में रजिस्ट्री कराई थी। तीनों आपस में रिश्तेदार हैं। उन्होंने 2000-2000 वर्ग फीट जमीन खरीदी थी। रजिस्ट्री के हिसाब से तीनों का बराबर-बराबर फ्रंट बंटवारा होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जितेन्द्र के हिस्से के फ्रंट पर सत्येन्द्र काबिज हैं। विवाद की असली वजह यही है। राजस्व टीम ने इसके निपटाने के लिए बंटवारा दाखिल करने के लिए कहा था ऐसा करने से तीनों की जमीन का एक बराबर बंटवारा हो जाता लेकिन
जितेन्द्र की ओर से बंटवारा के चक्कर में पड़ने के बजाए इनके रिश्तेदार ने विवाद को बढ़ावा दे दिए
आरोपी सत्येन्द्र, जितेंद्र का रिश्तेदार है
इस संबंध में SSP डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने कहा कि गोरखनाथ थाने में एक व्यक्ति आया, उसने कहा कि मैंने जहर खा लिया हूं। पुलिस ने तुरंत उसे मेडिकल कालेज में भर्ती कराया। इस दौरान पूछताछ में पता चला कि उसका नाम जितेन्द्र बहादुर सिंह है और उसका जमीन का विवाद है। शुरुआती जांच में सामने आया हैं कि शाहपुर इलाके में 1 ही दिन 3 लोगों ने एक साथ जमीन खरीदी है। कब्जे को लेकर जितेन्द्र का उसके रिश्तेदार सत्येन्द्र से विवाद चल रहा है।
जितेन्द्र ने इसको लेकर प्रार्थनापत्र दिया था। उसका कहना था कि मेरी जमीन पर सत्येन्द्र ने कब्जा कर लिया है। ऐसे में लेखपाल ने बंटवारा दाखिल करने के लिए कहा था। इस बीच सत्येन्द्र पक्ष ने जितेन्द्र पर सरिया चोरी का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। इसके बाद चौकी इंचार्ज ने पूछताछ के लिए बुलाया था, जितेन्द्र को ऐसा लग रहा था कि जमीन भी नहीं मिल रही है और उल्टे चोरी का आरोप भी लग गया है। इससे आहत होकर उसने जहर खा लिया। पूरे मामले की जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।