आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी लड़कियां उच्च शिक्षा से वंचित 

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी लड़कियां उच्च शिक्षा से वंचित 

जिले में न्यूनतम दो महिला महाविद्यालय खोले जाएं 

सोनभद्र।संविधान में अनुसूचित जन जाति और अनुसूचित जाति के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने और उन्हें सामाजिक अन्याय और शोषण से बचाने का प्रावधान किया गया है। आदिवासी व दलित बहुल सोनभद्र में संवैधानिक प्रावधान के बावजूद आदिवासी व अन्य वंचित समुदायों की शिक्षा के लिए किए गए सरकारी प्रयास खानापूर्ति भर हैं, खासकर उच्च शिक्षा और व्यवसायिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में तो कुछ भी नहीं किया गया। यही वजह है कि आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी-दलित और गरीब पृष्ठभूमि की लड़कियां शिक्षा खासकर उच्च शिक्षा से वंचित हैं। उक्त बातें एजेंडा लोक सभा 2024 के प्रचार अभियान के दौरान म्योरपुर विकास खंड के रासपहरी, कुसुमा, म्योरपुर, बभनडीहा आदि गांवों में महिलाओं व लोगों से संवाद करते हुए युवा मंच म्योरपुर संयोजक सविता गोंड ने कहीं। युवा मंच की सुगवंती गोंड व राजकुमारी गोंड ने कहा कि जनपद मुख्यालय में महज एक महिला डिग्री कालेज है उसमें भी सीटें काफी कम हैं और इस महिला महाविद्यालय समेत ओबरा व दुद्धी डिग्री कालेज में आदिवासी लड़कियां बेहद कम हैं। आदिवासी दलित और कमजोर तबकों की लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए जनपद में कम से कम दो आवासीय महिला महाविद्यालय खोले जाने का मुद्दा उठाया। संवाद के दौरान मौजूद आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने कहा कि भाजपा हराओ अभियान में शिक्षा-स्वास्थ्य, रोजगार, शुद्ध पेयजल और वनाधिकार के तहत पट्टा जैसे सवालों को मजबूती से उठाया जाएगा। संवाद के दौरान युवा मंच म्योरपुर संयोजक सविता गोंड, सुगवंती गोंड, राजकुमारी, कमला देवी गोंड, राजपति अन्नपूर्णा गोंड, राम लाल गोंड, कृपा शंकर सिंह, राजेश गोंड आदि मौजूद रहे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *