प्रवीण शाही
सफल समाचार कुशीनगर
अमित ने आठ माह में 62 लाख का किया था ट्रांजेक्शन, देश के कई बड़े महानगरों में बेचा था डाटा
-फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गैंग का मास्टर माइंड निकला लतवाजीत निवासी अमित
-देश के विभिन्न हिस्सों में अकेले आठ लाख फर्जी जन्म प्रमाणपत्र भी किए हैं जारी
-फर्जीवाड़े में अमित समेत यूपी से दो और बिहार से एक आरोपी की हुई है गिरफ्तारी
तमकुहीराज। दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए तमकुहीराज क्षेत्र के लतवाजीत गांव निवासी अमित गोंड की संलिप्तता देशविरोधी गतिविधियों में मिली है। महज आठ माह के भीतर अमित ने 62 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच की स्पेशल सेल अभी जांच प्रक्रिया का हवाला देकर इस मामले में आधिकारिक रूप से कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। देश के विभिन्न हिस्सों के शातिर देशविरोधी कृत्य में संलिप्त हैं, जिन्हें चिह्नित किया जा रहा है।
अमित ने अकेले अलग-अलग राज्यों में आठ लाख फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किया है। इस फर्जीवाड़े के तार रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों के बनाए गए फर्जी प्रमाणपत्र से भी जुड़ रह रहे हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम ने यूपी से अमित समेत दो व बिहार निवासी एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
सूत्रों की मानें तो रविवार को गोरखपुर के इंद्रा नगर से दिल्ली क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में आया तमकुहीराज क्षेत्र के लतवाजीत गांव का निवासी अमित कुमार गोंड पूरे देश में जारी होने वाले फर्जी दस्तावेजों का मास्टरमाइंड है। पुलिस की जांच में यह साबित भी हो चुका है कि आरोपी अमित एक फर्जी वेबसाइट का मालिक है। आरोपी के पास से बरामद दो मोबाइल व दो लैपटाप में भी कई राज छिपे हैं। इस फर्जीवाड़े में शामिल अमित के करीबी लोगों की मुसीबतें बढ़नी तय हैं। फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ऐसे-ऐसे दस्तावेजों को जारी किया जाता था, जिन्हें जारी करने का अधिकार केवल भारत सरकार को है। शातिराना कृत्य का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फर्जी वेबसाइट से अकेले आठ लाख फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।
इसके अलावा वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, मृत्यु प्रमाणपत्र, आवासीय प्रमाणपत्र भी बनाए गए हैं। जांच टीम इस तथ्य के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है कि भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के डाटा अमित के पास कैसे पहुंच गए। फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड अमित के अलावा यूपी से एक और बिहार से एक आरोपी भी हिरासत में है। इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम पूछताछ करने में जुटी है।
आठ माह में 62 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन
दिल्ली क्राइम ब्रांच टीम की गिरफ्त में आया फर्जी वेबसाइट संचालक अमित कुमार गोंड भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों का डाटा बैंक बनाकर देश के विभिन्न हिस्सों में संचालित करीब 8500 सीएसपी संचालकों व आधार होल्डरों आदि को उपलब्ध कराता था। डाटा बेचने की एवज में उसे मोटी रकम भी मिलती थी। आरोपी के विभिन्न बैंक खातों से आठ माह में 62 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। रुपयों के ट्रांजेक्शन के खेल में भी कई लोग शामिल हैं, जिन्हें क्राइम की टीम चिह्नित करने में जुटी है। सूत्रों की मानें तो अमित इन रुपयों से अपनी जरूरतें पूरी करता था। इसके अलावा अपने करीबी दोस्तों के साथ महंगे पिकनिक स्पॉट पर मौज-मस्ती व जहाज से देश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा अमित के जीवन का हिस्सा रहा है। माना जा रहा है कि पूछताछ के बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम किसी ठोस नतीजे पर पहुंच सकती है। यह भी संभावना है कि देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त बड़े गैंग का भी अमित के जरिये खुलासा हो सकता है।