न सीमांकन पिलर ना कोई साइन बोर्ड ना प्रदूषण नियंत्रण के लिए छिड़काव नाही मानक के अनुरूप ब्लास्टिंग और धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन फिर भी प्रशासन मौन क्यों

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह

सोनभद्र/बिल्ली ओबरा/सोनभद्र। सोनभद्र के ओबरा तहसील के निकट बिल्ली ओबरा में जमकर किया जा रहा है अवैध खनन यहां मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए यह खनन किया जा रहा है। यह खदान पूर्व में तारकेश्वर नाथ केसरी व राजेश केसरी के नाम पर लीज थी स्थानीय लोगों के अनुसार अब पुनः उन्हें लीज हो गई है जिसके कारण कार्य तेजी से किया जा रहा है किंतु जब खदान का निरीक्षण किया गया तो कहीं पर भी खदान का नया साइन बोर्ड नहीं था और एक पुराना साइन बोर्ड जिस पर तारकेश्वर नाथ व राजेश केसरी का नाम अंकित था फिलहाल मिटा दिया गया है और खनन कार्य तेजी से किया जा रहा है यह खनन कार्य कितने क्षेत्र में होना है अथवा किया जा रहा है इसका पता स्थानीय लोगों को ना चले जिसके लिए साइन बोर्ड नहीं लगाया गया है और लगातार काम किया जा रहा है यह खदान वास्तव में इतनी गहरी है जितना की किसी बड़े मौत के कुएं के निर्माण से भी ज्यादा गहरा है जिसके लिए समय-समय पर पूर्व में तारकेश्वर नाथ केसरी व राजेश केसरी की खदानों के लिए खदानों में मानकों को ताक पर रखकर कराए जा रहे खनन कर्ताओं के विरुद्ध शिकायत अपना दल एस के नेताओं तथा अन्य आसपास के सामाजिक कार्यकर्ताओं व पत्रकारों द्वारा समाचार को प्रकाशित किया गया। जिसके कारण समय-समय पर खनन अधिकारी द्वारा अत्यधिक खनन के लिए जुर्माना भी लगाया गया किंतु बावजूद उसके ब्लास्टिंग तीव्रता आज तक कभी कम नहीं किया गया और ना ही प्रदूषण की व्यवस्था हेतु जल छिड़काव किया गया बल्कि सूत्रों के अनुसार आज भी उन्हीं मालिकों के संरक्षण में अथवा पुनः लीज करा कर मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन किया जा रहा है जिसके लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायत पत्र भी दिया गया है तथा स्थानीय लोगों द्वारा और अत्यधिक तीव्रता के साथ ब्लास्टिंग संबंधित प्रार्थना पत्र देने हेतु तैयारी की जा रही है मामला संज्ञान में लाने हेतु समाचार लगाया जा रहा है जिससे खनन क्षेत्र की वास्तविकता से जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराया जा सके और संबंधित पर उचित कार्यवाही करते हुए माननीय मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस नीति की पारदर्शिता और गरिमा का ध्यान रखते हुए सुशासन की व्यवस्था की जा सके देखना यह है कि इस तरह की खबरों का जिला प्रशासन क्या संज्ञान लेता है और ऐसे खनन माफियाओं पर क्या कार्रवाई की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *