सफल समाचार
सुनीता राय
गोरखपुर शहर के तिवारीपुर क्षेत्र के कुछ मुस्लिम परिवार सावन में शिव धामों के लिए जाने वाले कांवड़ियों के लिए विशेष झोले और कपड़ा तैयार कर गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल पेश कर रहे हैं। इस दौरान ये हिंदुओं की आस्था का पूरा ख्याल रखते हैं।
शहर के तिवारीपुर क्षेत्र में बनने वाले इन झोलों की सप्लाई सिर्फ गोरखपुर और आसपास के जिलों तक ही सीमित नहीं है। पड़ोसी राज्य बिहार में भी इनकी डिमांड है।
कांवड़ियों के लिए कपड़ा बनाने वाले इस्मत अंसारी ने बताया कि पहले अलग-अलग साइज के झोलों के लिए कपड़ा खरीदा जाता है और फिर उस पर भोलेनाथ की तस्वीर छापी जाती है। इसके बाद झोले को बनवाया जाता है।
झोला बनाने वालों में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा नौशाबाह भी शामिल हैं। वह पिछले पांच साल से यह काम कर रही है। घर के अन्य सदस्य भी इसमें सहयोग करते हैं। झोला बनाने वाले कारीगर मो. रफी ने बताया कि बाजार से वह झोला बनाने के ऑर्डर लेकर आते हैं।
थोक में एक दर्जन झोला 145 से 180 रुपये में बिकता है। कहा कि एक सप्ताह में लगभग 200 झोला तैयार कर दिया जाता है। इसके साथ ही इस क्षेत्र के बहरामपुर, बहादुर शाह जफर कॉलोनी में भी कई मुसलमान कांवड़ियों के लिए झोले और कपड़े बना रहे हैं।