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भाई का पार्थिव शरीर जब सेना के वाहन से भागलपुर के लिए रवाना हुआ तो बरामदे में खड़ी छोटी बहन तान्या सिंह मम्मी मंजू देवी को पकड़ चीखने लगी। रोते हुए भाई के पार्थिव शरीर के साथ जाने की जिद्द करने लगी। उन्हें सेना के जवानों ने संभाला। कहा बहन रो मत भाई के बलिदान पर गर्व करो।
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पार्थिव शरीर के पास पहुंची पत्नी इंजीनियर सृष्टि सिंह ने शहीद पति अंशुमान के माथे को चूमते हुए कहा कि मेरे सोना, मेरे हीरो आपकी शहादत पर मुझे गर्व है, आपको दिल से सैल्यूट। आप ने मां भारती की रक्षा की है। इसके बाद फफक पड़ी। यह देख किसी तरह शहीद की मां मंजू देवी ने उन्हें संभालते हुए ढांढस बंधाया। इस पर लोग भारत माता की जय के नारे लगाने लगे।
शुक्रवार दोपहर 1.15 मिनट पर एयरफोर्स के स्पेशल विमान से शहीद अंशुमान सिंह का पार्थिव शरीर गोरखपुर पहुंचा, जहां सैनिक सम्मान के बाद सेना के वाहन से देवरिया के रास्ते पैतृक गांव बरडीहा दलपत पहुंचा। यहां पहुंचते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। यह देख मौजूद प्रशासन के लोग, जनप्रतिनिधि सहित मौजूद लोग परिजनों का ढांढस बंधाने लगे। इसी बीच पार्थिव शरीर को घर के सामने फूलों से सजे स्थान पर श्रद्धांजलि के लिए रखा गया। इसके बाद सियाचिन से पहुंचे सेना के अधिकारियों व अन्य जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इसके बाद शहीद की पत्नी सृष्टि सिंह ने सबसे पहले सैल्यूट किया। आपने भारत माता के जांबाज वीर जवानों को अपनी जान की बाजी लगा भीषण आग की घटना से बचाया। आपने अदम्य साहस का परिचय दिया है। आप को जमाना युगों युगों तक याद रखेगा। श्रद्धांजलि देने वालों में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, सांसद रवींद्र कुशवाहा, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले. जन. आरपी शाही, जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह, एसपी संकल्प शर्मा, प्रशासन व ने बारी-बारी से अपने वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी। जबकि सेना के अधिकारियों व जवानों ने भी पुष्प चक्र चढ़ा शहीद को सलामी दी। इसके बाद पार्थिव शरीर गांव से भागलपुर काली चरण घाट पहुंचा।
पिता ने कांपते हाथों से दी शहीद बेटे को मुखाग्नि
पति के साथ गांव आने की इच्छा रह गई अधूरी

शहीद पोते का शव आने से पहले बदहवास हुई दादी

रो मत पगली पोते की शहादत पर गर्व है

बहू के गांव आगमन पर बहुभोज करने का सपना रह गया अधूरा

ईश्वर ने सब कुछ दिया है कुछ नहीं चाहिए
अंशुमान के पिता रिटायर्ड सूबेदार मेजर रवि प्रताप सिंह ने कहा कि बेटे ने जो देश की खातिर कुर्बानी दी है, इससे बड़ी बात क्या होगी। मुझे बेटे की बहादुरी पर फक्र है। ईश्वर ने मुझे सब कुछ दिया है।
मम्मी मैं भी भैया के साथ जाऊंगी
भाई का पार्थिव शरीर जब सेना के वाहन से भागलपुर के लिए रवाना हुआ तो बरामदे में खड़ी छोटी बहन तान्या सिंह मम्मी मंजू देवी को पकड़ चीखने लगी। रोते हुए भाई के पार्थिव शरीर के साथ जाने की जिद्द करने लगी। उन्हें सेना के जवानों ने संभाला। कहा बहन रो मत भाई के बलिदान पर गर्व करो।
शहीद अंशुमान के पिता के बैंक खाते में 15 लाख और पत्नी के खाते में 35 लाख रुपये की धनराशि सरकार ने भेजी है। इसकी जानकारी जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने दी है।