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विश्वजीत राय
पडरौना। कोरोना काल में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था के लिए जिला अस्पताल में चार ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए, लेकिन एक प्लांट करीब एक साल से तो दूसरा एक महीने से मशीनों की खराबी की वजह से बंद पड़ा है। एमसीएच विंग में लगा तीसरा ऑक्सीजन प्लांट कभी चलता ही नहीं है। जरूरत पड़ने पर यहां ऑक्सीजन सिलिंडर से काम चला लिया जाता है। सिर्फ एक मशीन से जिला अस्पताल को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। लोड अधिक होने की वजह से वह कभी भी खराब हो सकता है।
जिला अस्पताल परिसर में एक 500 लीटर और 250 लीटर तथा एमसीएच विंग बिल्डिंग परिसर में एक 500 और दूसरा 250 लीटर का ऑक्सीजन गैस प्लांट लगा है। डेढ़ साल पूर्व लाखों की लागत से एमसीएच विंग कैंपस में लगे ऑक्सीजन प्लांट में आग लग जाने से मशीनें जल गई थीं। उसके कारणों की जांच अब भी चल रही है, लेकिन मशीनें नहीं बन सकीं। उसे ठीक भी नहीं कराया जा सका। इसी परिसर में 500 लीटर का लगा एक और ऑक्सीजन प्लांट बंद पड़ा है।
ऑक्सीजन सिलिंडर से काम चलाया जा रहा है। कर्मचारियों की मानें तो जब से लगा तब से वह चालू ही नहीं हुआ। वहीं, जिला अस्पताल परिसर में लगे ऑक्सीजन प्लांट जेडएएसएम ग्रेनुल्स नहीं होने के कारण एक माह से बंद पड़ा है। एक ऑक्सीजन मशीन के भरोसे जिला अस्पताल चल रहा है। लगातार ऑक्सीजन प्लांट के चलने से लोड अधिक पड़ रहा है। इसे लेकर जिम्मेदार बेखबर हैं।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एचएस राय ने बताया कि नगर पालिका से जो ऑक्सीजन प्लांट लगा है। उसकी जांच सीएमओ कार्यालय से चल रही है। कंपनी पर केस भी दर्ज कराया गया है। बाकी बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांटों के बारे में जानकारी कराता हूं।