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शेर मोहम्मद
देवरिया। डेंगू ने जनपद में पांव पसारना शुरू कर दिया है। अगस्त माह के बीस दिनों में ही तीन मरीज मिल चुके हैं। जबकि मच्छर जनित अन्य बीमारियों से 1560 के अधिक मरीज मिले हैं। इसके बावजूद भी अफसर सजग नहीं हैं। ढाई लाख की आबादी वाले शहर में नगर पालिका तीन मशीनों से मच्छर भगाने का दंभ भर रही है। हकीकत यह है कि एंटीलार्वा और फाॅगिंग नहीं की जा रही है। मोहल्लों में पानी एकत्र है। कई जगहों पर जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण मच्छर पैदा हो रहे हैं।
बरसात के मौसम में गंदगी और नालियों के जाम होने की वजह से शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। नगर पालिका के अफसर हर रोज फॉगिंग का दावा कर रहे हैं। जबकि मोहल्ले में कभी-कभार ही फाॅगिंग होती है। इसके कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। नगर पालिका और मलेरिया विभाग के पास भी इससे निजात दिलाने के लिए इंतजाम मामूली हैं। मशीनों की संख्या कम तो दवा छिड़काव के लिए पर्याप्त मात्रा में नहीं है। इस वजह से शहरवासियों का दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर पालिका के पास तीन फागिंग मशीनें, एक खराब
शहर की आबादी ढाई लाख
शहर में फागिंग के लिए हर महीने 50 लीटर मैलाथियान टेक्निकल की जरूरत होती है, लेकिन यह भी 20 लीटर से अधिक नहीं मिल पाता है।
मलेरिया विभाग में 19 फॉगिंग मशीनें, इसमें अधिकांश मशीनें खराब
खाली प्लाॅट का मतलब कूड़ा घर
– शहर के विभिन्न मोहल्लों में खाली प्लाट हैं। चारों तरफ से मकान बन जाने के कारण लोग यहीं पर कूड़ा फेंकते हैं और पानी भी जमा हो रहा है। इसके चलते मच्छर पैदा हो रहे हैं और फागिंग न होने के कारण शाम ढलते ही लोगों का दरवाजे पर बैठना मुश्किल कर रहे हैं।
पुराने मोहल्लों में अधिक है परेशानी
– शहर के मंगलमपुरम, दानोपुर, रामुगलाम टोला पूर्वी, रामनाथ देवरिया दक्षिणी, चटनी गड़ही मोहल्ला, नाथ नगर, सोमनाथ नगर, अली नगर, शहीद नगर, शांति नगर, महुआबारी आदि मोहल्लों में जलनिकासी की व्यवस्था ठीक नहीं है। इन इलाकों में खाली प्लाटों में पूरे साल जलभराव रहता है। नगर पालिका नाला सफाई तो करा रही है, लेकिन नालियों में एंटीलार्वा आदि का छिड़काव नहीं करा रही।
रोस्टर के हिसाब से एंटी लार्वा का छिड़काव व फाॅगिंग की जा रही है। लोगों को मच्छर जनित रोगों को लेकर खुद भी जागरुकता बरतनी चाहिए। घर में साफ पानी जमा न होने दें। आस-पास की सफाई पर ध्यान दें।
– रोहित सिंह, ईओ