पूर्वोत्तर रेलवे में नई लाइनों के निर्माण, दोहरीकरण, तीसरी लाइन निर्माण, आमान परिवर्तन, सड़क पर ओवरब्रिज, अंडरपास निर्माण एवं स्टेशनों के विकास का कार्य तेजी से चल रहा

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन एवं मैट्रो रेल, कोलकाता को छोड़कर इस वित्त वर्ष में रेलवे ने 1.13 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया है। पूंजीगत व्यय में अगस्त तक रेलवे पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। जबकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस मामले में दूसरे स्थान पर है।

पूर्वोत्तर रेलवे में नई लाइनों के निर्माण, दोहरीकरण, तीसरी लाइन निर्माण, आमान परिवर्तन, सड़क पर ओवरब्रिज, अंडरपास निर्माण एवं स्टेशनों के विकास का कार्य तेजी से चल रहा है। इस वित्त वर्ष के पहले पांच माह में पूर्वोत्तर रेलवे आधारभूत संरचना के विकास पर 3283.23 करोड़ का पूंजीगत व्यय कर चुका है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। पूंजीगत व्यय के मामले में रेलवे देश भर में नंबर वन है।

पूर्वोत्तर रेलवे में अगस्त तक सुडियामऊ-पैतीपुर-सरैया एवं औंड़िहार-सादात दोहरीकरण और गाजीपुर सिटी-ताड़ीघाट नई लाइन का निर्माण पूरा किया गया है। गोरखपुर कैंट-कुसम्ही के मध्य तीसरी लाइन भी चालू हो गई है। भारतीय रेलवे वर्ष 2023-24 के प्रथम पांच महीने में पूरे वर्ष के निर्धारित पूंजीगत व्यय का 46.6 प्रतिशत व्यय कर चुकी है।

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन एवं मैट्रो रेल, कोलकाता को छोड़कर इस वित्त वर्ष में रेलवे ने 1.13 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया है। पूंजीगत व्यय में अगस्त तक रेलवे पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। जबकि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस मामले में दूसरे स्थान पर है।

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे यात्री सुविधाओं के विकास के लिए कार्य कर रही है।

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