मनमोहन राय
सफल समाचार
प्रदेश में ऑनलाइन शिक्षण-प्रशिक्षण के तहत अब 92 राजकीय महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को ई-बुक्स व ई-लाइब्रेरी की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च करेगा। शासन की ओर से प्रदेश के 172 में से 85 राजकीय महाविद्यालयों में रूसा व अन्य स्रोतों से स्मार्ट क्लास विकसित की जा चुकी है। 58 राजकीय महाविद्यालयों में 10 करोड़ से स्मार्ट क्लास विकसित की जा रही हैं। इसी तरह 92 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लाइब्रेरी व ई-बुक्स की भी सुविधा विकसित की जा रही है।
राजकीय महाविद्यालयों को इस सुविधा के लिए दो से पांच लाख रुपये प्रति कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. ब्रह्मदेव ने बताया कि 92 महाविद्यालयों का चयन कर प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। शासन ने इसके लिए बजट स्वीकृत कर दिया है। शिक्षा निदेशालय स्तर पर ई-कंटेंट स्टूडियो के लिए भी इस वित्तीय वर्ष में धनराशि आवंटित की गई है। प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को ई-कंटेंट की सुविधा दी जाए। ई-लाइब्रेरी के लिए सभी राजकीय महाविद्यालयों में प्रयास चल रहा है, नए सत्र तक सभी जगह यह सुविधा उपलब्ध होगी।
शिक्षकों की सहायता के लिए चार क्षेत्रिय बोलियों शब्दकोष तैयार
प्रदेश में बेसिक विद्यालयों की बेहतरी के लिए काम कर रहे राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने चार प्रमुख क्षेत्रीय बोलियों में शब्दकोष तैयार किया है। शब्दकोष शिक्षकों को पठन-पाठन में काफी सहयोग करेगा। वह इसकी सहायता से संबंधित क्षेत्र के शब्दों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
एससीईआरटी ने क्षेत्रीय बोलियों अवधी, ब्रज, बुंदेली और भोजपुरी का हिंदी भाषा सहित शब्दकोष तैयार किया है। अगर पश्चिम क्षेत्र के कोई शिक्षक पूर्वांचल में तैनात होते हैं तो इसके माध्यम से वह इस क्षेत्र के शब्दों को आसानी से जान-समझकर बच्चों को पढ़ा सकेंगे। एससीईआरटी के प्रभारी निदेशक डॉ. पवन सचान ने बताया कि शब्दकोष में 33 हजार से अधिक शब्दों को शामिल किया गया।