दो महीने बाद भी हंसनाथ के हत्यारों को नहीं पकड़ सकी पुलिस

उत्तर प्रदेश देवरिया

शेर मुहम्मद
सफल समाचार

भटनी। बलुआ अफगान गांव में 15 अक्टूबर को हुई हंसनाथ तिवारी हत्याकांड की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है। पीड़ित परिवार के लोगों ने सोमवार को एसपी से मुलाकात कर हत्यारों की पहचान करने और उनपर कार्रवाई के लिए एक बार फिर गुहार लगाई है। एसपी के निर्देश पर सीओ सलेमपुर मामले की मानीटरिंग करेंगे।
भटनी के बलुआ अफगान डाक टोले पर 14 अक्तूबर की रात घोंठे पर सो रहे हंसनाथ तिवारी की हत्या हो गई। अज्ञात बदमाशों ने उनके सिर पर धारदार हथियार से प्रहार कर फरार हो गए। एसपी के निर्देश पर एसओजी, खुखुंदू और स्थानीय पुलिस को जांच कर कार्रवाई करने को कहा गया। लेकिन करीब 71 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस हमलावरों की पहचान नही कर पाई है। पीड़ित परिवार को आज तक यह भी नहीं मालूम चल सका कि बेटे की हत्या कौन और क्यों की।

इसी बीच थानाध्यक्ष बदल गए, क्षेत्राधिकारी सेवानिवृत्त हो गए और एसओजी सुस्त पड़ गई। पीड़ित परिवार जब भी थाने पर जाती है उन्हें आश्वासन की घुट्टी पिला कर घर भेज दिया जाता है। निराश पिता नरेंद्र नाथ तिवारी परिजनों के साथ सोमवार एसपी से तीसरी बार मुलाकात कर घटना का पर्दाफाश करने की गुहार लगाई। एसपी संकल्प शर्मा ने सीओ सलेमपुर दीपक शुक्ल को अपनी देख-रेख में हत्यारों की पहचान करने की जिम्मेदारी दी है। क्षेत्राधिकारी सलेमपुर दीपक शुक्ल ने बताया कि मामले की जांच नए सिरे से की जाएगी। जल्द ही हमलावरों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।

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