शेर मुहम्मद
सफल समाचार
देवरिया। ठंड में बिस्तर छोड़ते समय सतर्कता बरतने की जरुरत है। थोड़ी लापरवाही से वैसोवैगल सिंकोप की चपेट में आ सकते हैं। इसमें व्यक्ति कुछ देर के लिए मूर्छित हो जाता है। या गिरकर चोटिल हो सकता है। यह दिक्कत अधिकांश उम्र दराज लोगों में होती है, लेकिन इस समय इस समस्या से ग्रस्त युवा भी डॉक्टरों के पास पहुंच रहे हैं। ऐसे में इसको लेकर सावधानी बरतनी जरूरी है।
ठंड से लोग परेशान हैं। इसका असर सेहत भी पड़ रहा है। कुछ लोगों में रात में पेशाब लगने या सुबह बिस्तर से अचानक झटके से उठने पर कुछ देर के लिए मूर्छित होने की समस्या सामने आ रही है। मेडिकल कॉलेज में हर रोज आठ से दस इस तरह के मरीज आ रहे हैं।
सीएमएस डॉ. एचके मिश्रा ने बताया कि ठंड में वैसोवैगल सिंकोप की समस्या होती है। दिमाग, नस व धमनी में सामंजस्य न होने से दिक्कत आ जाती है। ठंड में सोने पर बिस्तर में शरीर गर्म रहता है। बिस्तर से झटके से उठने और चलने की स्थिति में आ जाने पर इस तरह की समस्या आ सकती है। चार से पांच सेकेंड तक कुछ पता नहीं चलता है। इस दौरान चोट भी लग सकती है।
इस तरह की दिक्कत एक से अधिक बार होने पर लापरवाही नहीं बरती चाहिए। डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरत पड़ने पर जांच भी कराएं। बिस्तर से निकलने पर कुछ देर बैठें, उसके बाद आराम से शौच व लघुशंका के लिए जाना चाहिए। बीपी, शुगर के मरीजों और उम्र दराज लोगों को विशेष ध्यान देना चाहिए।
यह बरतें सावधानी
हर रोज योग करें, सप्ताह में 150 मिनट हल्का व्यायाम करें।
बीपी, शुगर की नियमित जांच कराते रहें।
पौष्टिक आहार, हरी साग-सब्जी, फल का सेवन करें, पानी अधिक पीएं।
उम्र दराज लोगों के कमरे में अंधेरा न रखें, हल्की रोशनी रहे।