प्रवीण शाही
सफल समाचार कुशीनगर
21 करोड़ खर्च होने के बाद भी ग्रामीणों तक नहीं पहुंच सका शुद्ध पेयजल
कुशीनगर। सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये योजनायें चला रही है। लेकिन योजनाओं का लाभ गांव के लोगों को नहीं मिल रहा है। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के दर्जनों ग्राम पंचायतों में करोड़ों रुपए खर्च कर ओवरहेड टैंक का निर्माण दशकों पहले कराया गया था।
परंतु विभागीय लापरवाही के चलते लगभग 30 हजार आबादी आज भी दूषित जल पीने के लिए मजबूर है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से की मगर स्थिति जस की तस बनी हुई है।
सरकार की ओर से लगभग 21 करोड़ रुपए खर्च कर 2007 से 2013 के बीच ग्राम सभा चखनी, गोसाई पट्टी, मुन्नी पट्टी, श्याम पट्टी, माधोपुर बुजुर्ग, बहादुर पुर में ओवरहेड टैंक का निर्माण कराया गया। इन ओवर टैंकों से मोरवन, मठिया, चखनी मिश्र, गौरी नरोत्तम, गोसाई पट्टी, चखनी, दुखी मिश्र, मुन्नी पट्टी, श्याम पट्टी, माधोपुर बुजुर्ग, सरेया, खुदरा, बहादुरपुर गांव के लोगों को शुद्ध जल की आपूर्ति करनी थी। इसके लिए सामान्य जाति के लोगों से 400 रुपये और पिछड़ी जाति के लोगो से 250 रुपए लेकर बकायदा कनेक्शन भी दिया गया। ओवरहेड टैंक बनने के बाद इसका ट्रायल हुआ तो लोगों को लगा कि अब शुद्ध जल मिलेगा। लेकिन ट्रायल के बाद से ही इन ग्राम सभाओं की लगभग 30 हजार आबादी को पानी की सप्लाई मिलनी बंद हो गई। इन ग्राम सभाओं के लोगों को मजबूरी में छोटे हैण्ड पम्प का पानी पीना पड़ता है। दूषित जल पीने से अक्सर संक्रामक बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं। जिससे इंसेफेलाइटिस, टायफायड, हेपेटाईटिस, डायरिया, पीलिया जैसी खतरनाक बीमारी होने का भय बना रहता है। इन ग्राम पंचायतों के पूर्व प्रधान गोविंद मिश्र, प्रदीप कुमार, सतीश
गुप्ता, जाकिर अंसारी, अमित शर्मा, उपेंद्र मिश्र, पीयूष राय, अशोक कुशवाहा, रमाशंकर कुशवाहा, प्रताप राय, बृजेश राय, बलीराम, आयुष श्रीवास्तव, अरविंद आदि लोगों ने बताया कि ओवरहेड टैंक से संबंधित शिकायत विभागीय लोगों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक किया गया है। परन्तु आज तक किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पानी टंकी का देखभाल करने के लिए न तो कोई पहरेदार है और न ही पानी आपूर्ति करने के लिए कोई टेक्नीशियन है।
इस संबंध में तमकुहीराज के एसडीएम विकास चंद्र ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। जल निगम से बात करके पता लगाता हूं कि किन परिस्थितियों में ओवर हेड टैंक से ग्रामीणों को स्वच्छ जल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को जल्द से जल्द आरंभ कराने की कोशिश करूंगा।
ओवर हेड टैंकों का निर्माण कराने के बाद उसके संचालन व रख रखाव की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दे दी जाती है। कई पुरानी योजनायें बंद भी हो गई और नई योजनायें संचालित हो रही हैं। जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिये पूरा प्रयास किया जा रहा है। ओवरहेड टैंकों की मरम्मत के लिये सूची बनाई जा रही है।
जांच कर ग्रामीणों के लिये शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जायेगी।
-पंकज कुमार, अधिशासी अभियंता जल निगम ग्रामीण