सफल समाचार
सुनीता शर्मा
आशा वेलफेयर सोसाइटी तथा सृजन मेंटल वैलेस के संयुक्त तत्वाधान में सैंट पॉल स्कूल गोरखपुर में ऑटिज़्म जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छात्र एवं छात्राओं ने टी शर्ट पर पेंटिंग कर ऑटिज़्म के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया ।
इस अवसर पर शिक्षिका तथा मनोवैज्ञानिक डॉक्टर श्वेता जॉनसन ने बताया कि ऑटिज़्म एक ऐसी स्थिति है जिससे पीड़ित व्यक्ति का दिमाग अन्य लोगों के दिमाग की तुलना में अलग तरीके से काम करता है। हर साल 2 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) के बारे में जागरूकता बढ़ाना, मिथकों को दूर करना और ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है. ये समस्या आमतौर पर बच्चों के बचपन से ही शुरू होती है.
अगर आप भी ऑटिज्म को लेकर जागरूकता फैलाना चाहते हैं तो ये ज़रूर करें
-कम्युनिकेट करने का तरीका सीखें- ऑटिस्टिक बच्चों को समझने और बोलने में परेशानी हो सकती है, तो उनके साथ कम्युनिकेट करते वक्त बहुत लंबे-लंबे वाक्यों की जगह छोटे-छोटे शब्दों का इस्तेमाल करें
-टाइम दें, सब्र से काम लें- पेरेंट्स को थोड़ा सब्र और समझदारी से काम लेना चाहिए
-शेड्यूल फॉलो करें- सोने-उठने से लेकर पढ़ने, खेलने का एक समय निर्धारित करें इससे उनके साथ आपको भी आसानी रहेगी
-सपोर्ट करें-बच्चों के इंटरेस्ट को जानने की कोशिश करें. अगर उन्हें किसी खास चीज़ में रुचि है, तो रोकने-टोकने के बजाय उन्हें सपोर्ट करें
-एक्सपर्ट से सलाह लेने में हिचकिचाएं नहीं -बढ़ती उम्र के साथ बच्चे की सही डेवलपमेंट के लिए एक्सपर्ट से सलाह लेने में न हिचकिचाएं