निर्विवाद वरासत दर्ज कराये जाने हेतु 30 मई से 31 जुलाई तक चलेगा विशेष अभियान-जिलाधिकारी

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार

जिलाधिकारी श्री चन्द्र विजय सिंह ने अवगत कराया है कि उ0प्र0 शासन के निर्देश के क्रम में जनपद में 30 मई से 31 जुलाई, 2023 तक निर्विवाद वरासत दर्ज कराये जाने हेतु विशेष अभियान चलाया जायेगा, उन्होंने बताया कि इस अभियान में भू-अभिलेखों को अद्यतन रखना राजस्व विभाग का एक महत्वपूर्ण कार्य है, वरासत के प्रकरणों में समय से कार्यवाही न होने से न केवल विधिक उत्तराधिकारी अपने अधिकार से वंचित रह जाते हैं, अपितु अनावश्यक विवाद भी उत्पन्न होते हैं, परिणाम स्वरूप असामाजिक तत्वों/भू-माफियाओं द्वारा भूमि पर अवैध कब्जे का प्रयास किया जाता है, जिससे कभी-कभी कानून व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। राजस्व संहिता अधिनियम 2006 की धारा-31 के अनुसार, राजस्व संहिता नियमावली में विहित रीति से प्रत्येक ग्राम के अधिकार अभिलेख (खतौनी) रखेगा। जिलाधिकारी के नियंत्रण के अधीन रहते हुये उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, अधिकार अभिलेख, खतौनी, खसरा व मानचित्र में समस्त परिवर्तन जो घटित होंगे और ऐसे अन्य समस्त संव्यवहारों को, जिनका किन्हीं अभिलिखित अधिकारों या हितों पर प्रभाव पड़ें, अभिलिखित करेंगें। राजस्व अभिलेखों को अद्यतन रखने के दृष्टिगत शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि राजस्व प्रशासन के द्वारा निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज करने के लिए 30 मई से 31 जुलाई, 2023 तक दो माह का विशेष अभियान चलाया जाये। उन्होंने बताया कि आवेदक द्वारा प्रार्थना पत्र/रिपोर्ट दिये जाने की स्थिति में आवेदक स्वयं आॅनलाइन अथवा जनसेवा केन्द्र पर प्रार्थना पत्र भरने के लिए राजस्व परिषद की वेबसाइट bor.up.nic.in के मुखपृष्ठ पर दिये गये राजस्व न्यायालय कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली लिंक पर उपलब्ध उत्तराधिकारी/वरासत के लिए आवेदन (प्रपत्र आर0सी0 09 पूर्व में ‘‘प क-11 क‘‘) लिंक पर जाकर अपना मोबाइल नम्बर अंकित करेगा, तत्पश्चात मोबाइल पर प्राप्त ओ0टी0पी0 को भरकर  अपना पंजीकरण करेगा तथा वांछित सूचनायें पोर्टल पर भरेगा।जिलाधिकारी ने बताया कि प्रार्थना पत्र/रिपोर्ट/लेखपाल द्वारा सत्यापन के आधार पर मृतक/विवाहित/पुनर्विवाहिता की वरासत दर्ज किये जाने के लिए अभियान समय सारिणी के अनुसार संचालित किया जाएगा, राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में प्रचार-प्रसार तथा खतौनियों का पढ़ा जाना तथा लेखपाल द्वारा वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें आॅनलाइन भरे जाने की तिथि 30 मई से 15 जून, 2023 तक निर्धारित किया गया है। क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश के अनुसार (वरासत) 29 अक्टूबर, 2018 में दी गयी व्यवस्था लेखपाल द्वारा आॅनलाइन जाॅच की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही किये जाने की तिथि 16 जून से 01 जुलाई, 2023 तक निर्धारित किया गया है। राजस्व निरीक्षक द्वारा परिषदादेश के अनुसार (वरासत) 29 अक्टूबर,2018 में दी गयी व्यवस्था राजस्व निरीक्षक जाॅच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही किये जाने की तिथि 02 जुलाई से 17 जुलाई, 2023 तक निर्धारित किया गया है। राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामान्तरण आदेश को आर0-6 में दर्ज करने के पश्चात खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख साफ्टवेयर मंे अद्यावधिक करने की तिथि 02 जुलाई से 17 जुलाई, 2023 तक निर्धारित किया गया है। 02 जुलाई से 17 जुलाई, 2023 तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उप जिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नहीं है, इसके लिए 18 जुलाई से 23 जुलाई, 2023 तक की तिथि निर्धारित की गयी है। अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के दस प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रैण्डमली चिन्हित करते हुए उनमें अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जाॅच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई कारण दर्ज होने से बचा नहीं है, के सम्बन्ध में 24 से 31 जुलाई की तिथि निर्धारित की गयी है। जनपद की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की वेबसाइट पर फीड करना एवं राजस्व परिषद द्वारा पाक्षिक रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायी जायेगी, जिसके लिए 16 जून, 01 जुलाई तथा 17 जुलाई, 2023 की तिथि निर्धारित की गयी है। जनपदों द्वारा परिषद को संलग्न निर्धारित प्रारूप पर प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये जाने की समय-सीमा की तिथि 31 जुलाई, 2023 को निर्धारित की गयी है तथा राजस्व परिषद द्वारा सम्पूर्ण अभियान की प्रगति रिपोर्ट शासन को प्रेषित किये जाने की तिथि 07 अगस्त, 2023 को निर्धारित किया गया है।उन्होंने बताया कि ऐसे काश्तकारों के लिये जो सामान्यतः ग्रामों में निवास नहीं कर रहे हैं या जिनका निर्धारित दिवस पर राजस्व ग्रामों में पहुंचना संभव न हो, उनके लिये प्रत्येक तहसील में एक काउण्टर खोलते हुये अविवादित वरासतों को दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र प्राप्त किये जायें, उनकी सहायता के लिए हेलप-लाईन तथा जन सुविधा केन्द्रों का भी उपयोग किया जाये, इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित कराया जायें।

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