काशी विश्वनाथ धाम में सावन के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को देख बाबा की झांकी दर्शन हुए। श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ संख्या को देख मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन का खास इंतजाम किया है। निकास और प्रवेश के लिए भी अलग-अलग इंतजाम किए हैं।

उत्तर प्रदेश वाराणसी

सफल समाचार 
मनमोहन राय 

आज सावन माह का पहला दिन है। इस शुभ अवसर पर काशी विस्वनाथ धाम में भक्तों का आना शुरू हो गया है। काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले भक्तों को बाबा के जलाभिषेक व दर्शन में परेशानी नहीं होगी। बाबा के भक्त मंदिर में चारों द्वार से प्रवेश कर रहे हैं। इस बार बाबा की कांवर यात्रा पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त होगी।
वहीं, सोमवार से कांवरियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। काशी विश्वनाथ धाम में सावन के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को देख बाबा की झांकी दर्शन हुए। श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ संख्या को देख मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन का खास इंतजाम किया है। निकास और प्रवेश के लिए भी अलग-अलग इंतजाम किए हैं। 
अधिमास के कारण दो महीने का सावन होने के कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। कांवर यात्रा करने वालों को भी प्लास्टिक मुक्त कांवर लेकर आने की सलाह दी गई है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि धाम में रेड कार्पेट पर शिव भक्तों का स्वागत किया जाएगा। चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। सोमवार को सुगम और वीआईपी दर्शन स्थगित कर दिए गए हैं। 

19 साल के बाद 59 दिन का होगा सावन, बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग

सावन में भक्तों पर शिव के साथ ही शक्ति की कृपा भी बरसेगी। सावन के पहले दिन भक्तों ने माता मंगला गौरी का व्रत रखा है। 19 साल के 59 दिनों के सावन में सर्वार्थ सिद्धि योग भी निर्मित हो रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही शहर के शिवालयों में भी दर्शन पूजन की कतार देखने को मिल रही।

काशी विद्वत कर्मकांड परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य अशोक द्विवेदी ने बताया कि दो महीने के दौरान आठ सावन के सोमवार, चार एकादशी और नौ मंगला गौरी के व्रत का पुण्यफल भक्तों को मिलेगा। इसके साथ ही सर्वाथसिद्धियोग भी बन रहा है। इस तरह का संयोग 19 साल पहले 2004 में बना था। अधिमास की शुरूआत 18 जुलाई को होगी और यह 16 अगस्त तक रहेगा।

सावन के सोमवार

पहला : 10 जुलाई

दूसरा: 17 जुलाई

तीसरा : 24 जुलाई

चौथा : 31 जुलाई

पांचवां : 07 अगस्त

छठां : 14 अगस्त

सातवां : 21 अगस्त

आठवां : 28 अगस्त

सवार्थसिद्ध योग

9 जुलाई, 11 ज़ुलाई, 12 जुलाई, 13 जुलाई, 18 जुलाई, 23 जुलाई, 28 जुलाई, 29 जुलाई, 30 जुलाई

07 अगस्त, 09 अगस्त, 10 अगस्त, 14 अगस्त, 15 अगस्त, 16 अगस्त, 20 अगस्त, 21 अगस्त, 24 अगस्त, 25 अगस्त, 27 अगस्त, 29 अगस्त

मंगला गौरी व्रत

04 जुलाई, 11 जुलाई, 18 जुलाई, 25 जुलाई, 01 अगस्त, 08 अगस्त, 15 अगस्त, 22 अगस्त, 29 अगस्त

पूर्णिमा पर हुआ बाबा विश्वनाथ का शृंगार

आषाढ़ पूर्णिमा पर बाबा विश्वनाथ की भव्य सजावट हुई। सुबह से ही श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन की कतार लगी रही और देर रात तक श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन पूजन किया। सोमवार को आषाढ़ पूर्णिमा पर गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं की कतार बाबा दरबार में लग गई। शाम को सप्तर्षि आरती के पूर्व बाबा विश्वनाथ की भव्य सजावट की गई। बाबा के गर्भ गृह में स्थापित चल रजत प्रतिमा और प्रतिमा की सजावट हुई। आरती के बाद श्रद्धालुओं ने बाबा के भव्य स्वरूप के दर्शन किए।

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