सफल समाचार
मनमोहन राय
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। सभी राजनीतिक दल चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। उधर, उप्र सरकार द्वारा बार बार गन्ना सहकारी समितियों के चुनाव की प्रक्रिया को स्थगित किया जाना भी राजनीति गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है
विपक्षी दलों ने गन्ना सहकारी समितियों के चुनाव बार बार स्थगित किए जाने के पीछे भाजपा का भयभीत होना बताया है। विपक्षी मानते हैं कि पश्चिम उप्र में गन्ना बेल्ट है। किसान आंदोलन की राह पर हैं। गन्ना सहकारी समितियों के चुनाव में सीधे किसानों का जुड़ाव होता है। अगर समिति के चुनाव का असर लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है।
उप्र सरकार अब तक दो बार गन्ना सहकारी समितियों की प्रबंध समिति के चुनाव की प्रक्रिया स्थगित कर चुकी है। गुरुवार को उप्र सहकारी समिति निर्वाचन आयुक्त राजमणि पांडेय ने भले ही गन्ना सहकारी समितियों के चुनाव स्थगित किए जाने के पीछे कांवड़ यात्रा का कारण बताया हो, लेकिन विपक्षी दलों से जुड़े पश्चिम उप्र के किसान और नेता इसको भाजपा व सरकार की राजनीति का हिस्सा बता रहे हैं।