सफल समाचार
मनमोहन राय
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि अगले एक से डेढ़ साल में हर किसान को यह सटीक सूचना दे सकेंगे कि वह अपने खेत में क्या पैदा करे। किस उर्वरक का कितना इस्तेमाल करे। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए होगा। कृषि क्षेत्र को बैक टू बेसिक के साथ-साथ टेक्नोफ्रैंडली बनाना होगा। अब अनुभव के साथ तकनीक का समावेश जरूरी हो गया है। वह सोमवार को कृषि में तकनीक की भूमिका विषय पर आयोजित कांक्लेव में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कान्क्लेव में शाही ने कहा कि आज सरकार तेजी से तकनीक की दिशा में काम कर रही है। स्टार्टअप भी इस ओर बढ़ चले हैं । यही कारण है कि आज गन्ना, धान, गेहूं जैसी तमाम फसलों के उत्पादन में उत्तर प्रदेश नंबर वन हो गया है। प्रदेश सरकार किसानों की लागत को घटाकर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार खेत तथा आधुनिक तकनीक के बीच प्रभावी सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रही है।
कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायी बनाने के लिए नयी खाद्य प्रसंस्करण नीति पर भी कार्य किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र को समेकित रूप से विकसित करने के लिए जल तथा मृदा संरक्षण के साथ-साथ फल-फूल, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी तथा अन्य अनुषांगिक क्रियाओं को एकीकृत रूप से विकसित किया जाएगा। उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए जो स्टार्टअप तकनीक का विकास कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि उनकी तकनीक किसानों द्वारा अपनाई जाने योग्य हो। सरलतम हो। कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए खेत की आवश्यकता के अनुसार उर्वरक, सिंचाई एवं खाद का प्रयोग किया जाए, जिससे किसानों की लागत में कमी लाई जा सकती है।
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अनुमान के आधार पर की जाने वाली खेती को सटीक तकनीक के आधार पर करने से प्रदेश की कृषि का कायाकल्प किया जा सकता है। अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि एग्रोटेक कम्पनियां खेत तथा तकनीक के बीच की दूरी घटाने में सफल रहीं तो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 10 खराब की बनाने के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। इस मौके पर विभिन्न समूहों द्वारा अपने उत्पादों तथा कार्यक्रमों पर आधारित प्रदर्शनी लगाई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी. राजू, सचिव कृषि राजशेखर, निदेशक उद्यान डॉ. आर.के.तोमर आदि मौजूद रहे।
अब एक ब्लॉक एक उत्पाद
शाही ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर प्रदेश स्तर पर एक ब्लाक एक उत्पाद को प्रोत्साहित किया जायेगा। प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अच्छा बाजार मूल्य मिल सके, इसके लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा देकर एग्रोप्रोसेसिंग के लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा।