भ्रष्टाचार का केन्द्र बना आपूर्ति विभाग कुशीनगर

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार प्रवीण कुमार शाही 

भ्रष्टाचार का केन्द्र बना आपूर्ति विभाग कुशीनगर

सरकार की आंखों में झोक रहा है धूल

कुशीनगर।प्रदेश के कुशीनगर जिले का आपूर्ति विभाग भ्रष्टाचार का मुख्य केन्द्र बन गया है, सूत्रों मुताबिक जैसा चर्चा है इस जिले के हर तहसील की बात करे तो लगभग सभी तहसीलों में इस विभाग द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है। एसे मे यह कहना झूठ नहीं है की कुशीनगर जिले का आपूर्ति विभाग भ्रष्टाचार का मुख्य केन्द बन गया है। बता दे की इस विभाग के अधिकारियों के शह पर जिले के सभी तहसीलों में स्थित आपूर्ति कार्यालयों में कुछ प्राईवेट कर्मचारी तैनात किये गये हैं जो कमाऊ पुत का कार्य कर रहे हैं। इनका काम यह है कि ये कमाऊ पुत गरीब कार्ड धारको से राशन कार्ड में युनिट जुडवाने, काटने के नाम पर तथा कोटेदारों से जांच के नाम पर मोटी रकम वसूल कर अपने अधिकारियों को देते हैं, यही इनका कार्य है, एक ओर सरकार भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने में लगी है तो दूसरी जिले के इस विभाग में भ्रष्टाचार अंगद की तरह अपना पैर जमाकर बैठा है यदि हम बात करें तमकुही राज तहसील स्थित आपूर्ति कार्यालय की तो इस तहसील का आपूर्ति कार्यालय पुरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है यहाँ कमाऊ पुतो द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन बेखौफ किया जा रहा है।यहा यदि कोई व्यक्ति इनके कारनामे का शिकायत करने का सासस किया तो इस कार्यालय में तैनात अधिकारी उसका मुंह बन्द कराने कराने के लिए अपने स्तर से सारे हथकंडे अपनाने से पिछे नहीं रहते हैं। यदि इनके हथकंडे से उसका मुंह नहीं बन्द हुआ तो ये लोग कुछ दिनों के लिए कमाऊ पुतो को कार्यालय से हटाकर सबूत मिटा देते है और अंत में हताश होकर जब वह व्यक्ति इनके विरूद्ध शिकायत करना छोड़ देता है तो फिर कमाऊ पुतो की तैनाती कर दी जाती है, सूत्रों की मान तो कुछ दिनों पहले कोई व्यक्ति इनके विरूद्ध अवाज उठाया था लेकिन जिला पूर्ति अधिकारी कुशीनगर तथा पूर्ति निरीक्षक सेवरही, दुदही, तमकुही राज द्वारा इसको इस प्रकरण को दबा दिया गया। तथा उच्च अधिकारियों को ग़लत रिपोर्ट दे दी जाती है जिससे यह प्रतीत होता इन हालातो को देखकर यह स्पष्ट है कि आपूर्ति विभाग कुशीनगर भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है अगर जिम्मेदार या जिला अधिकारी महोदय कुशीनगर संज्ञान लेकर गोपनीय जांच करा लें तो भ्रष्टाचार के आकंठ डूबा यह विभाग का पोल खुल जायेगा तथा जनता को राहत भी मिल जायेगा आखिरकार किसके सह पर प्राइवेट कर्मचारी सरकारी कार्यालयों में कार्य का सम्पादन कर रहे हैं आम जनता पीड़ित हैं और सरकार के सामने अपने को ईमानदार साबित कर आखों मे धूल झोक रहा है।

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