जिले में सामान्य से कम वर्षा होने से सूखे के आसार बन गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ सिंचाई के संसाधन भी किसानों को दगा दे रहे हैं

उत्तर प्रदेश देवरिया

सफल समाचार 
शेर मोहम्मद 

देवरिया। जिले में सामान्य से कम वर्षा होने से सूखे के आसार बन गए हैं। वहीं, दूसरी तरफ सिंचाई के संसाधन भी किसानों को दगा दे रहे हैं। अधिकांश सरकारी ट्यूबवेल विभिन्न खराबियों के कारण बंद पड़े हैं। कई माइनर में टेल तक पानी नहीं है। इसके कारण फसलें सूख रही हैं, जिससे किसानों को फसल की सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वैकल्पिक सिंचाई की जिले में व्यवस्था न होने से किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है।

जुलाई माह बीतने वाला है अभी तक महज 120 एमएम बारिश हुई, जबकि खेती के लिहाज से इस माह में धान की फसल के लिए भरपूर पानी की जरूरत होती है। बारिश कम होने के कारण सूखे जैसे हालात हो गए हैं। जिले में करीब चार लाख किसानों ने 13.50 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की है। हालत यह है कि देवरिया खंड में अकेले 19 ट्यूबवेल खराब पड़े हुए हैं। वृंदावन-द्वारिका मुख्य रजवाहा में पानी नहीं है। इसके कारण सिंचाई नहीं हो पा रही है। जिगनी राजा माइनर में भी पानी नहीं है। यहां भी धान की फसल में पानी न होने के कारण किसानों को चिंता सताने लगी है। जिगनी राजा गांव निवासी सुनील ने बताया कि माइनर में इस सीजन में अभी तक पानी नहीं आया है। इसके कारण धान की फसल सूख रही है। नौतन हथियागढ़ के संतोष ने बताया कि नहर में एक बार पानी आया, लेकिन टेल तक नहीं पहुंचा। इस समय हालत यह है कि नहर सूख गई है। नहर के पानी का लाभ रोपाई के समय भी नहीं मिला और अब भी नहीं मिल रहा है। जब मुख्य रजवाहा का यह हाल है तो अन्य माइनरों को क्या होगा। इनरहा गांव के रामध्यान का कहना है कि माइनर के पास ज्यादा खेती है। पर इस माइनर में कदाचित ही पानी आता है। नाम की ही माइनर रह गई है।

एक साल से बंद है राजकीय नलकूप
सलेमपुर। ब्लॉक के बरठा बाबू गांव का राजकीय नलकूप एक साल से बंद चल रहा है। जिसके कारण किसानों को सिंचाई के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। किसान महंगे दामों पर डीजल खरीद कर पंपिंग सेट से सिंचाई कर रहे हैं। करीब दो सप्ताह से बारिश नहीं हो रही है। वहीं तेज धूप होने से धान की रोपी गई फसल सूख रही है। जबकि, गांव में लगा राजकीय नलकूप एक साल से बंद है। इसी तरह भागलपुर ब्लॉक विशुनपुरा गांव का नलकूप 238 मोटर खराब होने से बंद है। जिसके चलते गांव के लोगों को सिंचाई के लिए निजी साधनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। किसान महंगे दामों पर डीजल खरीद कर सिंचाई कर रहें हैं। इससे लागत बढ़ रही है। गांव के किसान अनिल सिंह, विजय बहादुर सिंह, शिवाजी यादव, राम नगीना यादव आदि ने कहा कि पंपिंग सेट से पानी चलाकर धान की रोपाई ही है। अब फसल सूख रही है। फसल को बचाने के लिए फिर से पानी चलाना पड़ रहा है। यदि जल्द बारिश नहीं हुई तो धान को बचाने में काफी रकम खर्च हो जाएंगे। नलकूप खंड के अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह ने बताया नलकूप क्यों बंद है इसकी जांच करा हूं, जहां मोटर खराब है। उसे जल्द बनाया जाएगा। संवाद

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